देवरिया हत्याकांड: कोर्ट ने 4 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की, एक की जेल में मौत

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देवरिया हत्याकांड: कोर्ट ने 4 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की, एक की जेल में मौत
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देवरिया हत्याकांड: 2 अक्टूबर 2023 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जमीन विवाद में छह लोगों की हत्या कर दी गई. दुबे परिवार के पांच सदस्यों की घर में घुसकर नृशंस हत्या के मामले में चार आरोपियों की जमानत अर्जी पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई. जिसमें इन चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. एक अन्य आरोपी अमरनाथ तिवारी, जो सेना से सेवानिवृत्त थे, ने भी जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन 3 जनवरी को जिला जेल में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. अत: उनका मामला न्यायालय में अनुत्तरित रह गया.

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय सिंह की अदालत ने बुधवार को आरोपी बेचू राजभर, प्रदीप राजभर, परशुराम राजभर और अनिरुद्ध यादव को इस जघन्य हत्याकांड में संलिप्त पाते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

 सहायक शासकीय अधिवक्ता आशुतोष सिंह ने बताया कि 2 अक्टूबर 2023 की सुबह रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेदहा टोले में इन आरोपियों ने एक राय होकर घर में घुसकर पांच लोगों की निर्मम हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. उनके पक्ष के वकील ने उनकी बेगुनाही साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया, इसलिए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

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गौरतलब है कि जमीन विवाद को लेकर हुए इस हत्याकांड में जहां पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई थी, वहीं इसके विरोध में सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों की घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

इस मामले में मृतक सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता की शिकायत पर 27 लोगों को नामजद किया गया था. रुद्रपुर थाने में 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, 21 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जबकि 5 आरोपियों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था, यानी कुल 26 आरोपी जेल में थे, जिनमें से 5 आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई. 

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एक अर्जी दाखिल की गई थी, जिसकी सुनवाई अभी चल ही रही थी कि जेल में बंद याचिकाकर्ता अमरनाथ तिवारी जो सूबेदार से रिटायर हैं और उनका बेटा भी इसी मामले में जेल में है, कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, अचानक उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया 3 जनवरी की शाम जिला जेल में उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने अमरनाथ तिवारी को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में जेलर राजकुमार ने बताया कि वह फतेहपुर कांड में जेल में थे. उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. मौत के कारण सीजेएम को पत्र लिखकर मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की गयी है.

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