Delhi Safdarjung Hospital News: Crime Tak की खबर का बड़ा असर, दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने अस्पताल को भेजा नोटिस

ADVERTISEMENT

Delhi Safdarjung Hospital News: Crime Tak की खबर का बड़ा असर, दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने अस्पताल को...
social share
google news

Delhi Safdarjung Hospital Viral News: crime tak की खबर का बड़ा असर हुआ है। दिल्ली के सफदर जंगअस्पताल के बाहर बच्चे को जन्म देने वाली खबर पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी किया है।

उन्होंने इस बाबत Tweet भी किया। स्वाति मालिवाल ने लिखा, 'हमने सोशल मीडिया पे विडीओ देखी जिसमें एक महिला की सफदरजंग अस्पताल में बाहर डिलीवरी हो रही है। साथ खड़ी महिलाएँ जो डिलीवरी करवा रही है कह रही है कि महिला रात भर अस्पताल के बाहर पड़ी रही और उसे एडमिट नहीं किया। ये शर्मनाक है। मैंने मामले में सफदरजंग अस्पताल को नोटिस इशू किया है।'

इससे पहले crime tak ने इस बाबत खबर प्रकाशित की थी। दरअसल एक महिला दर्द से चिल्ला रही थी, लेकिन उसे फौरन एडमिट नहीं किया गया। इस वजह से महिला ने सफदरजंग अस्पताल परिसर के अंदर मौजूद सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था।

ADVERTISEMENT

परिजनों के मुताबिक, सोमवार रात दिल्ली में रह रही एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। महिला दर्द से चिल्ला रही थी। उसके परिजन उसे तुरंत सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही देखिए कि उसे फौरन एडमिट नहीं किया गया। इस वजह से मजबूरन महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। इसका एक वीडियो सामने आया है।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला के आसपास अन्य महिलाओं ने घेरा बना दिया है। महिला की वहीं डिलवरी भी हो गई। वीडियो में अस्पताल प्रशासन की सिक्योरिटी गार्ड्स भी नजर आ रही है। एक अन्य महिला ने आरोप लगाया कि रात से ही ये लोग अस्पताल में मौजूद थे, लेकिन डाक्टरों ने एडमिट करने से इनकार कर दिया। डाक्टरों ने कहा कि महिला को पेन नहीं हुआ। सुबह अस्पताल परिसर में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चा ठीक बताया जा रहा है।वीडियो में देख जा सकता है कि अस्पताल की नर्स पैदा हुए बच्चे को एडमिट करने के लिए लेकर जा रही है।

ADVERTISEMENT

अब यहां कई सवाल खड़े होते है, मसलन

ADVERTISEMENT

1.क्या महिला जब अस्पताल पहुंची तो उसे पेन नहीं हो रहा था ?

2.क्या इसके बावूजद महिला को एडमिट नहीं करना चाहिए थी ?

3.जब महिला को पेन हुआ, उस वक्त उसे क्यों एडमिट नहीं किया गया ?

4. क्या कागजी बच्चे की जान से ज्यादा जरूरी ?

5. कब तक गरीब आदमी की नहीं होगी सुनवाई ?

6. क्या संबंधित डाक्टरों के खिलाफ होगा कोई एक्शन ?

7. क्या इसमें डाक्टरों की कोई गलती नहीं है ?

ये ऐसे सवाल है , जिनका जवाब अस्पताल प्रशासन को देना पड़ेगा।

उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पीड़िता को एडमिट होने के लिए कहा गया था पर वो एडमिशन पेपर लेकर वापस नहीं आई। न ही मरीज को कोई तीमारवार वापस आया।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜