77 पन्नों में दो मौत की हर एक पल की कहानी कहानी का क्लाइमेक्स मास्क पहन कर लिखा
Delhi Crime: एक लड़के (Young Boy) ने अपनी मां (Mother) की हत्या (Murder) के तीन दिनों बाद खुदकुशी (Suicide) कर ली, लेकिन मरने से पहले उस लड़के ने 77 पन्नों का सुसाइड नोट (Suicide Note) लिखा।
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Delhi Crime: दिल्ली में एक सुसाइड नोट (Suicide Note) इस वक़्त सुर्खियों (Lime Light) में छाया हुआ है। जबसे 25 साल के एक लड़के की खुदकुशी (Suicide) की खबर सामने आई बस तभी से इस सुसाइड नोट का चर्चा सरेआम हो रहा है। असल बात ये है कि दिल्ली के बुध विहार इलाके में 25 साल के एक लड़के ने खुदकुशी की लेकिन खुद को मारने से पहले उसने अपनी मां की हत्या (Murder) की और पूरे तीन दिन तक अपनी मां के शव के साथ एक ही घर में रहा।
हैरानी की बात ये है कि खुद को मारने से पहले उस लड़के ने एक दो नहीं पूरे 77 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और ये सुसाइड नोट न तो हिन्दी में था और न ही अंग्रेज़ी में बल्कि दक्षिण भारतीय भाषा कन्नड़ में ये सुसाइड नोट लिखा गया है। इससे इस बात का अंदाज़ा लग जाता है कि मरने वाले लड़के का ताल्लुक कहीं न कहीं दक्षिण भारत के कर्नाटक से भी हो सकता है।
मरने वाले लड़के की पहचान क्षितिज के तौर पर हुई जबकि उसकी मां का नाम मिथिलेश था। ये वारदात रविवार की है। लेकिन क्षितिज ने मां की हत्या तीन रोज पहले ही कर दी थी। जिसका जिक्र उसने अपने सुसाइड नोट में भी किया हुआ है। पुलिस ये देखकर बुरी तरह से चौंक गई कि जिस वक़्त लड़के की लाश मिली वो मास्क पहने हुए था यानी उसने कहानी का क्लाइमेक्स मास्क पहनकर लिखा।
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Delhi Crime: अपने 77 पन्नों के सुसाइड नोट में क्षितिज ने ये बात साफ तौर पर लिखी है कि वो डिप्रेशन का शिकार है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि उसकी इस सारी करतूत का पता पुलिस को उसकी मां की एक सहेली से पता चला। जब उन्होंने क्षितिज को फोन किया था और पूछा था कि उसकी मां का फोन क्यों नहीं उठ रहा है। तब क्षितिज ने ये कहकर उनके होश उड़ा दिए थे कि उसने अपनी मां को तीन रोज़ पहले ही मार दिया और कुछ ही देर में वो खुद को भी खत्म कर लेगा।
क्षितिज की बात सुनकर उस महिला ने पुलिस को इत्तेला दी। और जब तक पुलिस महिला के बताए गए पते तक पहुँचती तब तक देर हो चुकी थी और क्षितिज खुदकुशी कर चुका था।
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दरअसल पुलिस को रात आठ बजे पड़ोसी महिला ने फोन पर क्षितिज की कही बात कह सुनाई। रविवार रात आठ बजे पुलिस की टीम जब घर पहुँची तो घर के सभी दरवाजे बंद थे। जैसे तैसे पुलिस घर की बालकनी से भीतर दाखिल हुई तो उसे मां बेटे की लाशें मिलीं।
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मां का शव बाथरूम में था जबकि क्षितिज कमरे में मरा पड़ा था। उसका भी गला कटा हुआ था और चारो तरफ खून बिखरा हुआ था।
Delhi Crime: अपने ज़िंदा रहने तक क्षितिज ने हरेक बात का जिक्र अपने 77 पन्ने के सुसाइड नोट में किया है। मौका ए वारदात पर पहुँची पुलिस को जब ये 77 पन्नों का सुसाइड नोट मिला तो उसे पढ़कर वो खुद हैरान रह गई।
क्षितिज के सुसाइड नोट के मुताबिक उसने अपनी मां को तार से गला घोंटकर हत्य की जबकि बाद में कटर से गला काट दिया। क्षितिज ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसने अपनी बीमार मां को उसकी बीमारी से मुक्ति दे दी है। सबसे हैरानी की बात ये है कि वो दो दिन तक अपनी मां की लाश के साथ ही रहा। उसने अपनी मां के शरीर पर गंगा जल डाला और भगवत कथा भी पढ़ी। घर में शव के खराब होने पर बदबू को दूर करने के लिए उसने लगातार डियोड्रिन छिड़का।
Delhi Crime: अपने सुसाइड नोट में क्षितिज ने दो दिन तक मां की लाश के साथ रहने की हरेक बात का जिक्र किया है। उसके सुसाइड नोट के मुताबिक क्षितिज का कोई दोस्त नहीं था। पिता की मौत के बाद घर की माली हालात बहुत खराब हो गई थी। साथ ही मां भी अक्सर बीमार रहने लगी थी। बीते कुछ वक्त से उसकी भी तबीयत ठीक नहीं थी। इलाज करवाने के पैसे भी नहीं थे।
पुलिस ने सुसाइड नोट में लिखी तमाम चीजों को मौका-ए-वारदात से बरामद कर ली हैं। सुसाइड नोट पढ़ने वाले पुलिस अधिकारियों का अंदाजा है कि क्षितिज काफी अकेला हो चुका था, और इसी वजह से साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार हो चुका था। और घर के हालात ऐसे थे जिसकी वजह से वो डिप्रेशन में चला गया था।
पुलिस ने जब उस महिला के बारे में पता किया जिसकी वजहसे पुलिस को इस वारदात के बारे में पता चला तो मालूम हुआ कि वो महिला क्षितिज की मां की सहेली थी जो उसे सत्संग में मिली थी। असल में क्षितिज की मां रोज सत्संग जाया करती थी। लेकिन जब वो दो दिन तक सत्संग में नहीं पहुँची तो उसने उसकी खैर जानने के लिए ही फोन किया था।
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