चलती पीसीआर वैन से गिर कर आरोपी की मौत, पुलिस के कहा भाग रहा था आरोपी

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चलती पीसीआर वैन से गिर कर आरोपी की मौत, पुलिस के कहा भाग रहा था आरोपी
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Delhi News: बीती रात दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन से गिरकर एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई. यह हादसा जितना चौंकाने वाला था, उससे भी ज्यादा दुखद यह था कि पुलिस रात भर घायल आरोपियों को लेकर दिल्ली के अस्पतालों के चक्कर लगाती रही, लेकिन हर अस्पताल ने अलग-अलग कारणों से आरोपियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया.

उत्तर पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर थाने के अंदर खड़ी यह वही पीसीआर वैन है जो कल रात 9:03 बजे विवाद की एक कॉल के बाद गली नंबर 9 शांति मोहल्ले में पहुंची थी. एक महिला ने दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर शिकायत की थी कि एक शख्स झगड़े के बाद उसके साथ गाली-गलौज कर रहा है और छेड़छाड़ भी कर रहा है.

डीसीपी जॉय तिर्की ने बताया महिला की कॉल के बाद, पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और कॉल करने वाले और प्रमोद नाम के 47 वर्षीय व्यक्ति को पाया. प्रमोद नशे में लग रहा था. पुलिस के मुताबिक, महिला का आरोप है कि प्रमोद ने उसके साथ गाली-गलौज और छेड़छाड़ भी की. आरोप के बाद पुलिस प्रमोद को लेकर न्यू उस्मानपुर थाने के लिए रवाना हो गई. जब पुलिस की पीसीआर वैन थाने से करीब 100 मीटर पहले इस जगह पर पहुंची तो पीछे की सीट पर बैठा प्रमोद खिड़की खोलकर बाहर चला गया. पुलिस के मुताबिक, प्रमोद नशे में था और शायद उसने भागने की कोशिश की या फिर उसे उल्टी हुई और अचानक प्रमोद सिर के बल गिर गया. गिरने के कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं। ये वही जगह है जहां अब फॉरेंसिक टीम सुराग तलाश रही है.

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इधर उस्मानपुर थाना पुलिस ने धारा 354, 354ए, 506, 509, 323 आईपीसी दर्ज कर लिया। वहीं, पुलिस टीम ने तुरंत घायल प्रमोद को जेपीसी अस्पताल पहुंचाया. जहां से उसे जीटीबी रेफर कर दिया गया। फिर उन्हें एंबुलेंस से जीटीबी ले जाया गया लेकिन वहां सीटी स्कैन न होने के कारण उन्हें एलएनजेपी रेफर कर दिया गया, लेकिन आईसीयू वेंटिलेटर बेड खाली न होने के कारण उन्हें वहां से आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें वहां भी भर्ती नहीं किया गया, इसलिए 3 जनवरी की सुबह पुलिस उन्हें वापस जेपीसी अस्पताल ले गई, जहां सुबह 5.45 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.


यह मामला हिरासत में मौत का था, इसलिए पुलिस ने नियमानुसार मामले की जानकारी एनएचआरसी को दी. प्रमोद के परिजन उसके जन्म की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें पता चल सके कि प्रमोद की मौत किन परिस्थितियों में हुई. पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला कि प्रमोद के खिलाफ 2015 में हत्या के प्रयास और 2003 में मारपीट का मामला पहले से ही दर्ज है. प्रमोद के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है.

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