UP Crime: कानपुर आईआईटी में पीएचडी के छात्र ने की खुदकुशी, नहीं मिला सुसाइड नोट
Kanpur IIT Suicide: कानपुर आईआईटी में नहीं रुक रहा छात्रों के सुसाइड का सिलसिला, इस बार पीएचडी के छात्र की खुदकुशी का मामला सामने आया है, इसके पहले कई छात्र खुदकुशी कर चुके हैं।
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Kanpur PHD Student Suicide: कानपुर आईआईटी (IIT) एक तरफ जहां अपने इंजीनियरिंग कौशल के लिए जानी जाती है वह दूसरी तरफ यहां के प्रतिभावान छात्रों (Students) के दुखद सुसाइड (Suicides) के मामले (Cases) भी सामने आ रहे हैं। इस बार आईआईटी के पीएचडी (PHD) छात्र (Student) ने आईआईटी कैंपस (Campus) के अंदर सुसाइड (Suicide) कर लिया। मंगलवार रात को आईआईटी हॉल-8 में रहने वाले छात्र प्रशांत ने फांसी लगाकर अपने कमरे में जान दे दी।
वाराणसी के रहने प्रशांत आईआईटी में पीएचडी कर रहे थे। उनके पिता प्रदीप सिंह वाराणसी में ट्रैवेल एजेंसी चलाते है। पुलिस को प्रशांत के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। एसीपी कल्याणपुर अशोक शुक्ला का कहना है पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पूरी स्थिति साफ़ होगी। मृतक के फोन लैपटॉप सबकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
इस बीच आईआईटी कानपुर ने प्रेसनोट जारी करते हुए कहा है कि
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“बड़े गहरे खेद के साथ, आई आई टी (IIT) कानपुर अपने एक पीएचडी छात्र के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त करता है। यह घटना 6 सितंबर 2022 को रात करीब 8:30 बजे की है। हॉल 8 के एक छात्र ने संस्थान के सुरक्षा अनुभाग को फोन करके बताया कि श्री प्रशांत सिंह का कमरा अंदर से बंद है और कई बार दस्तक देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जब संस्थान के प्रशासकों ने जबरन दरवाजा खोला तो देखा कि श्री प्रशांत सिंह बेडशीट के सहारे छत से लटके हुए हैं। उसे तुरंत संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां ऑन कॉल चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस दौरान श्री प्रशांत सिंह के परिवार के सदस्यों और पुलिस को उनके दुखद निधन से अवगत कराया गया। घटना के तुरंत बाद ही पुलिस फोरेंसिक टीम संस्थान पहुंची और जांच शुरू की, श्री प्रशांत सिंह के पार्थिव शरीर को हैलेट अस्पताल की मोर्चरी में ले जाया गया। उसकी आत्महत्या के पीछे संभावित कारण का पता लगाने के लिए संस्थान पुलिस जांच का इंतजार कर रहा है। उत्कृष्ट शैक्षणिक योग्यता वाले मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र श्री प्रशांत सिंह ने 2021 में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लेने का निर्णय लेने से पहले अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए 2019 में आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया था। उनके निधन के साथ, संस्थान ने एक प्रतिभाशाली छात्र और महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक खो दिया”।
चिंताजनक बात ये है की पिछले वर्षो में अब तक एक दर्जन से ज्यादा छात्र खुदकुशी कर चुके हैं। सबसे हैरतअंगेज बात ये है कि किसी छात्र के पास से आईआईटी में कभी कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद होता है।
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