भारत में हत्या के सबसे ज्यादा मामलों की एक वजह ये, इसकी वजह से हर घंटे हो रहे 3 से ज्यादा मर्डर
NCRB Report: भारत में हर घंटे तीन से ज्यादा लोगों की हत्या (Murder Case) हो रही है
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NCRB Report: भारत में हर घंटे तीन से ज्यादा लोगों की हत्या (Murder Case) हो रही है. यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट में हुआ है. 'क्राइम इन इंडिया-2022' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 2022 में भारत में कुल 28,522 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जिससे साफ पता चलता है कि हर दिन लगभग 78 लोगों की हत्या की गई. हालांकि, यह आंकड़ा पिछले दो सालों से थोड़ा कम है.
43.92 प्रतिशत मामले हत्या के दर्ज किये गये
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 लोग मारे गए.
पिछले साल सबसे ज्यादा 3,491 एफआईआर उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं. इसके बाद बिहार में 2,930, महाराष्ट्र में 2,295, मध्य प्रदेश में 1,978 और राजस्थान में 1,834 मामले दर्ज किये गये. इन शीर्ष पांच राज्यों में हत्या के 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किये गये।
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NCRB के अनुसार, 2022 में सबसे कम हत्या के मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य
राज्य का मामला
सिक्किम 9
नागालैंड 21
मिजोरम 31
गोवा 44
मणिपुर 47
केंद्र शासित प्रदेशों में आए इतने मामले
केंद्र शासित प्रदेशों में, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए. जम्मू-कश्मीर में 99 मामले, पुडुचेरी में 30, चंडीगढ़ में 18, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 16, अंडमान और सात में मामले दर्ज किए गए. निकोबार द्वीप समूह में पांच, लद्दाख में पांच और लक्षद्वीप में शून्य.
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उम्र के संदर्भ में, हत्या के 95.4 प्रतिशत पीड़ित वयस्क थे. एनसीआरबी के अनुसार, कुल हत्या पीड़ितों में से 8,125 महिलाएं और नौ ट्रांसजेंडर लोग थे. लगभग 70 प्रतिशत पीड़ित पुरुष थे.
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हत्याओं के पीछे क्या है वजह?
अब सवाल ये उठता है कि भारत में हो रही हत्याओं के पीछे वजह क्या है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 9,962 से ज्यादा हत्या के मामले हुए, जिससे साफ है कि लोग विवादों के कारण सबसे ज्यादा जान ले रहे हैं. विवादों के सबसे अधिक 1,130 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किये गये. इसके बाद तमिलनाडु में 1,045, बिहार में 980, मध्य प्रदेश में 726 और उत्तर प्रदेश में 710 मामले सामने आए हैं.
हत्या के मामले में दूसरी सबसे बड़ी वजह आपसी रंजिश या दुश्मनी पाई गई. पिछले साल ऐसे 3,761 मामले दर्ज किए गए थे. बिहार (804), मध्य प्रदेश (364) और कर्नाटक (353) उस सूची में शीर्ष पर हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दहेज, जादू-टोना, बच्चे/मानव बलि, सांप्रदायिक/धार्मिक, जातिवाद, राजनीतिक कारण, सम्मान के लिए हत्या और प्रेम संबंध अन्य उद्देश्य थे.
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