दिल्ली के अस्पताल में मचा कोहराम, सुबह 4 बजे मरीज को इंजेक्शन देने गई नर्स, मरीज को देखते ही चीख कर भागी..
11 अगस्त की सुबह करीब 4 बजे जब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ मरीज को इंजेक्शन लगाने के लिए वार्ड के बाहर गलियारे में पहुंची तो वहां रोशनी कम थी, तभी उसने देखा कि 19 साल का मरीज गैलरी में मौजूद था।
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न्यूज़ हाइलाइट्स
मरीज को देखते ही निकल गई चीख
यहां महिला मरीज भी डरती हैं!
आधी रात में मरीज को इंजेक्शन देने गई नर्स
Delhi: यह घटना दिल्ली के द्वारका में मौजूद इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई। 11 अगस्त की सुबह यहां ऐसी घटना घटी कि यह अस्पताल कोलकाता का आरजी कॉलेज बनने से बाल-बाल बच गया। हादसे के दिन वार्ड में मरीजों की देखभाल करने वाली महिला नर्स स्टाफ अभी भी इस घटना से सदमे में है। दरअसल आईजीआई अस्पताल में पुरुष और महिला वार्ड में मरीज भर्ती थे, जो रोज की तरह आमने-सामने वार्ड में थे। इसी बीच एक 19 साल का लड़का भी यहां मेडिसिन मेल वार्ड में भर्ती होने आया था।
सुबह 4 बजे मरीज को इंजेक्शन देने गई नर्स
युवक को तेज बुखार की शिकायत थी। युवक का पिता तीमारदार के तौर पर लड़के के साथ था। 11 अगस्त की सुबह करीब 4 बजे जब अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ मरीज को इंजेक्शन लगाने के लिए वार्ड के बाहर गलियारे में पहुंची तो वहां रोशनी कम थी, तभी उसने देखा कि 19 साल का मरीज गैलरी में मौजूद था। ये मरीज गैलरी में पूरी तरह से नग्न था और हस्तमैथुन कर रहा है। मरीज को इस हालत में देख नर्सिंग स्टाफ घबरा गई और चिल्लाने लगी। उसकी चीख सुनकर वहां के सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर गलियारे में पहुंच गए। नर्स इतनी घबरा गई कि वह भागकर अपने नर्सिंग रुम में छिप गई और काफी देर तक बाहर नहीं आई।.
नंगे मरीज को देखते ही निकल गई चीख
इसके बाद जैसे ही डॉक्टरों ने मरीज को पूरी तरह से नग्न अवस्था में घूमते हुए पकड़ा और अस्पताल की सिक्योरिटी को बुलाकर इसकी सूचना एडमिन को दी। करीब 20 मिनट बाद सिक्योरिटी स्टाफ वहां आया और मरीज को वार्ड के अंदर ले गया। सुरक्षा अधिकारियों ने पिता को जगाया और पूरी घटना बताई। वहां कई मरीज और उनके तीमारदार भी मौजूद थे। आईजीआई अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर ने कहा कि घटना के कुछ घंटों बाद मरीज और उसके पिता अस्पताल से भाग गए। जबकि मरीज की फाइल अस्पताल में जमा है। हालांकि इस घटना के बाद न सिर्फ महिला स्टाफ बल्कि मेल डॉक्टर भी दहशत में हैं।
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महिला मरीज भी डरती हैं
ऐसी घटनाओं से पुरुष वार्ड के सामने महिला वार्ड में भर्ती महिला मरीजों की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है। आरडीए से जुड़े डॉक्टर ने बताया कि इंदिरा गांधी अस्पताल में नेटवर्क की समस्या है, यहां जल्दी किसी से संपर्क नहीं किया जा सकता। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर से ऊपरी मंजिल तक पहुंचने का रास्ता भी सुनसान है। लिफ्ट बिल्कुल कोने में है। रात के समय अस्पताल के अधिकांश हिस्से में अंधेरा रहता है। वहां ना तो कैमरे हैं और ना ही सुरक्षा गार्ड मौजूद रहते हैं। आपको बता दें कि अक्सर मरीज ऊपर जाने से डरते हैं। अस्पताल में ऊपर जाने में अंधेरा रहता है। यह एक ऐसा अस्पताल है जहां डॉक्टर भी रात में काम करने से डरते हैं। यहां पहले भी अजीबो गरीब चीजें हो चुकी हैं।
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