ऑनर किलिंग: ससुर के पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाता रहा दामाद, साले ने बहन, जीजा, भांजी... तीनों को गोलियों से भूना
Bihar Tripel Murder: भागलपुर के नवगछिया में एक पिता ने अपनी शादीशुदा बेटी, दामाद और पोती की गोली मारकर हत्या कर दी.
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Bihar Tripel Murder: भागलपुर के नवगछिया में एक पिता ने अपनी शादीशुदा बेटी, दामाद और पोती की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद से आरोपी का पिता और भाई फरार हैं. जानिए ट्रिपल मर्डर के पीछे की Inside Story. घटना वाले दिन पिता ने अपने दामाद को रास्ते में पकड़कर पीटना शुरू कर दिया और फिर अपने बेटे को बुला लिया. मौके पर पहुंचते ही भाई ने जीजा पर गोली चला दी.
लव मैरिज बनी ट्रिपल मर्डर के पीछे की वजह
लड़की के प्रेम विवाह से नाराज लड़की के पिता और भाई ने मिलकर इस तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया. ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि ऑनर किलिंग के आरोपी पिता पप्पू सिंह जब भी अपनी बेटी चंदा कुमारी और दामाद चंदन कुमार को देखते था तो उनका खून खौल उठता था.
दोनों की शादी के बाद यह बात पप्पू सिंह के दिल में कांटे की तरह चुभ रही थी. उसने दोनों को रास्ते से हटाने का मन बना लिया था. वह उनकी शादी से बहुत नाखुश थे. पिछले दो साल में कई बार उसने दोनों को रास्ते से हटाने की योजना बनाई, लेकिन सफल नहीं हो सका. आखिरकार मंगलवार को चंदा और चंदन की प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया. उनकी मासूम बेटी की भी हत्या कर दी गई. लड़की के भाई और पिता ने सरेशाम बीच सड़क पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
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बेटी और दामाद की हत्या की थी प्लानिंग
पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने पप्पू सिंह ने एक बार फिर किसी बात को लेकर दोनों की मर्डर की योजना बनाई थी. उसकी योजना को तब बल मिला जब दामद अनिल सिंह ने पप्पू सिंह को घर बनाने का ऑफर दिया. वह एक माह से मकान बनवा रहा था. तभी से वह अपनी बेटी और दामाद पर नजर रख रहा था. वह तो बस मौके की तलाश में था. लोगों का कहना है कि मकान निर्माण के दौरान भी कुछ लोगों ने पप्पू सिंह पर टिप्पणी की थी, जिससे वह विचलित हो गये थे. चंदा कुमारी उर्फ चांदनी कुमारी अपने पति चंदन कुमार के साथ रोज दोपहर में अपने ससुराल वालों की सेवा के लिए नये घर से जाती थी. पप्पू सिंह अपनी बेटी को उसके पति के साथ आते-जाते समय रोज देखता था.
हत्या की साजिश रची
अनिल सिंह का घर बनाते समय पप्पू सिंह ने उनकी बेटी और दामाद की हत्या की साजिश रची. मंगलवार को उसने गुस्से में आकर इस योजना को अंतिम रूप दे दिया. उन्होंने अपने बेटे को भी इसके लिए तैयार किया. इस घटना के लिए पप्पू सिंह ने शाम का समय चुना. ठंड के कारण गांव के लोग शाम को अपने घर चले जाते हैं, जिसका उसने फायदा उठाया. पप्पू सिंह जाते-जाते भी उसकी बेटी की हत्या कर सकता था. लेकिन ऐसा करने के लिए शाम होने का इंतजार किया. अपने पुराने घर से लौटने के क्रम में चंदा कुमारी को अनिल सिंह के घर के पास रोका गया. उसने अपनी बेटी चंदा कुमारी के सिर पर लोहे की रॉड से वार कर दिया. दामाद पर भी हमला किया. दामाद का हाथ तोड़ दिया.
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भाई आया और गोलियां चलाने लगा
योजना के मुताबिक पप्पू सिंह ने अपने बेटे धीरज सिंह को बुलाया. धीरज सिंह पहले से ही तैयार था. वह मौके पर पहुंचा और फायरिंग कर दी. उसने पहले अपने जीजा को गोली मारी, फिर अपनी बहन को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. इसके बाद 18 माह की भतीजी को गोली मार दी. जब पप्पू सिंह अपनी बेटी चंदा कुमारी को लोहे की रॉड से पीट रहा था, तो चंदन कुमार आक्रामक होने के बजाय अपने ससुर के पैर पकड़कर रहम की भीख मांग रहा था. वह बार-बार पूछ रहा था कि वह अपनी बेटी को क्यों मार रहा है. अगर तुम्हें मारना ही है तो मुझे मार डालो. ससुर का दिल नहीं पिघला. ससुर ने दामाद चंदन पर भी हमला कर दिया. इससे भी पप्पू सिंह संतुष्ट नहीं हुआ तो उसने अपने बेटे धीरज सिंह को बुला लिया.
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ये चंदा-चंदन की प्रेम कहानी है
गोपालपुर थाना क्षेत्र के नवटोलिया की चांदनी कुमारी के पिता प्रमोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपनी मर्जी से पड़ोसी चंदन कुमार से शादी करने की कीमत अपने परिवार को जान देकर चुकानी पड़ी. गांव के पप्पू सिंह और चंदन उर्फ चंदन सिंह की बेटी चांदनी कुमारी के बीच प्यार हो गया. दोनों एक दूसरे से मिलने लगे. इस बीच पप्पू सिंह ने कई बार दोनों को डांटा, लेकिन उनका प्यार परवान चढ़ता रहा. दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम खा ली। जब दोनों ने शादी की बात की तो उनके परिवार वाले सहमत नहीं हुए। आख़िरकार दो साल पहले कोर्ट में शादी कर ली. शादी के बाद प्यार की निशानी के तौर पर चांदनी को एक बेटी भी हुई। चंदन खेतों में मेहनत कर अपना गुजारा कर रहा था. दोनों खुश थे और उम्मीद थी कि अब परिवार मान जाएगा. कम से कम वे दोनों हत्या जैसी घटना से अनभिज्ञ थे. मंगलवार को अचानक तीनों की हत्या कर प्यार का अंत कर दिया गया।
शादीशुदा है, ठीक है, घर मत आना वरना...
ग्रामीणों का कहना है कि जब चंदा और चांदनी घर से भाग गईं तो समाज के लोगों को एक पल के लिए लगा कि यह ठीक नहीं है. लेकिन दोनों एक ही जाति के थे. चंदन भी एक मेहनती लड़का था. इससे समाज को कोई विशेष आपत्ति नहीं हुई। चंदा के घर वालों ने उस वक्त कई लोगों से बात करते हुए साफ कहा था कि ठीक है उन दोनों ने शादी कर ली, लेकिन दोनों गांव न आएं तो बेहतर होगा, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. इसे लेकर पप्पू सिंह ने चंदन के कई परिजनों को सीधे तौर पर धमकी भी दी थी. यही कारण था कि वे जब भी पप्पू सिंह या धीरज, चंदन, चंदा या अपने बच्चों को देखते तो गुस्से से कांपने लगते थे.
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