'संस्कारी' चोरनी जिसने पहले 1 लाख रुपये मंदिर में दान किये, फिर चोरी के 90 लाख से की मनाली में अय्याशी
चोरी का ये मामला थोड़ा हट कर है। यहां चोर ने चोरी तो की मगर चोरी के पैसे उड़ाने से पहले बाकायदा मंदिर में जाकर दान किया और फिर बचे पैसों से मनाली जा कर अय्याशी करने की अपनी हसरत पूरी की।
ADVERTISEMENT
Bhilwara, Rajasthan: चोर चोरी क्यों करता है? जाहिर है चोरी के रुपयों पर ऐश करने के लिये और अपनी उन सभी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिये जिन्हें पूरा करने की उनकी हैसियत नहीं होती। मगर चोरों के भी संस्कार होते हैं। यकीन न हो तो इस चोरनी का किस्सा ही ले लीजिये। राजस्थान में भीलवाड़ा की रहने वाली इस लड़की ने अपने दादा के लॉकर से 90 लाख रुपये चुराए और शहर छोड़ कर अपनी हसरतें पूरी करने ड्रीम टूर पर निकल पड़ी। उसकी हसरत थी मनाली जा कर घूमने की और वो सब कुछ करने की जो पैसे वाले अमीर लोग हिल स्टेशनों पर जा कर किया करते हैं। मगर संस्कार देखिये कि मनाली जा कर चोरी के रुपये खर्च करने से पहले इस लड़की को भगवान का ख्याल आया। इस 'संस्कारी' चोरनी ने तय किया कि वो सबसे पहले चोरी कर मिले इन रुपयों से मंदिर जाकर दान करेगी और उसके बाद ही मनाली की ओर कूच करेगी। इसी के बाद लड़की अपने साथियों के साथ सबसे पहले खाटू श्याम मंदिर पहुंची, वहां पूरे एक लाख रुपये दान पात्र में डाले और फिर कार खरीद कर मनाली की ओर निकल पड़ी।
दादा के लॉकर से चोरी किये 90 लाख रुपये
चोरी की शिकायत जब पुलिस तक पहुंची तो पुलिस को माजरा समझते देर नहीं लगी। दरअसल जिनके घर चोरी हुई थी वो रिश्ते में पूजा चौधरी नाम की इस आरोपी के दादा-दादी लगते हैं। पूजा का घर इनके पड़ोस में ही था। लिहाजा पूजा को पता था कि दादा ने हाल ही में अपनी पुश्तैनी जमीन बेची है जिसके एवज में मिले 90 लाख रुपये घर के लॉकर में रखे हैं। तो बस पूजा ने देर रात बुजुर्ग दादा-दादी के घर में घुसपैठ कर तकिये के नीचे से लॉकर की चाबी निकाली और फिर लॉकर खोल कर 90 लाख रुपये गायब कर दिये। दादा को जब तक रुपये चोरी होने की खबर लगी पूजा अपने साथियों के साथ मनाली के लिये निकल चुकी थी।
चोरी के रुपये खाटू श्याम मंदिर में किए भेंट
चोरी के इस मामले में पूजा के साथ उसके दोस्त सुरेश जाट और नारायण जाट भी शामिल थे। ये दोनों भीलवाड़ा के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने जब पूजा की कॉल डीटेल खंगाली और उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने इनके नाम खुद-ब-खुद बता दिये। पुलिस की पूछताछ में पूजा ने बताया कि दादा से चुराए 90 लाख रुपये उसने अपने एक तीसरे साथी हंस राज जाट के घर छुपाए थे। पूजा ने बताया कि चोरी के रुपये लेकर वो सबसे पहले खाटू श्याम मंदिर गये और वहां एक लाख रुपये दान कर दिये। इसके बाद इन सभी ने मिल कर डेढ़ लाख रुपये में एक पुरानी कार खरीदी और फिर पूजा, सुरेश और नारायण मनाली के लिये निकल गये। वहां इन सभी ने दोनों हाथों से चोरी का रुपया लुटाया। नतीजा ये कि आठ दिनों में ये तीनों 90 लाख में से आठ लाख रुपये उड़ा चुके थे। पुलिस ने फिलहाल इनके पास से बचे 82 लाख रुपये बरामद कर लिये हैं और पूजा समेत गिरफ्तार चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
और पढ़ें...
ADVERTISEMENT