फर्जी बर्थ सार्टिफिकेट केस में आजम खान, पत्नी और बेटे अब्दुल्ला को मिली जमानत, जेल से नहीं छूटेंगे आज़म ख़ान और अब्दुल्ला
Court: इस फैसले के बाद आजम खान की पत्नी डॉ तजीन फातिमा जेल से बाहर आ सकेंगी। आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। दरअसल आजम खान को एक अन्य डूंगरपुर केस में सजा हो चुकी है जिसके चलते वो जेल से बार नही आ सकेंगे।
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UP Court News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान को राहत दी है। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के जन्म प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा मामले में आजम खान, उनकी पत्नी डाक्टर तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को शुक्रवार को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने हालांकि केवल आजम खान की सजा पर रोक लगाई जबकि डाक्टर तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को राहत देने से इनकार कर दिया।
सपा नेता आजम खां को बड़ी राहत
इस फैसले के बाद आजम खान की पत्नी डॉ तजीन फातिमा जेल से बाहर आ सकेंगी। आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। दरअसल आजम खान को एक अन्य डूंगरपुर केस में सजा हो चुकी है जिसके चलते वो जेल से बार नही आ सकेंगे। अदालत ने सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे की दायर तीन आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाणपत्र के कथित फर्जीवाड़े के मामले में रामपुर के सत्र न्यायालय द्वारा 18 अक्टूबर 2023 को सुनाई गई सात साल की सजा को चुनौती दी थी।
आजम, उनकी पत्नी और बेटे को मिली जमानत
अभियोजन पक्ष के मुताबिक यह मामला तीन जनवरी 2019 का है। रामपुर के निवासी और मौजूदा समय में रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के लिए दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तीनों को सात साल जेल की सजा सुनाई थी।
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डूंगरपुर प्रकरण में आजम को हुई है 7 साल की सजा
यह मामला आजम खान के बेटे अबदुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा है। उनके ऊपर यह मामला था और पहला जन्म प्रमाण पत्र जिसमें उन्होंने शिक्षा ग्रहण की वह 1 जनवरी 1993 था और 25 साल के बाद उनको पता चला कि उनकी उम्र उनकी पैदाइश 1990 की है। जबकि उनकी माताजी ने 17 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम में एक एप्लीकेशन दी गई।
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