जयपुर में अमेरिकी टूरिस्ट ने 2 साल पहले खरीदा था डायमंड, 300 रुपये की ज्वैलरी 6 करोड़ में बेची

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जयपुर में अमेरिकी टूरिस्ट ने 2 साल पहले खरीदा था डायमंड, 300 रुपये की ज्वैलरी 6 करोड़ में बेची
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Jaipur: जयपुर का सर्राफा बाजार अपनी अनूठी ज्वेलरी और आभूषणों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. यहां न केवल सोने और चांदी के, बल्कि हीरे के गहनों की भी बड़ी मांग रहती है. इस बाजार में विदेशी पर्यटक भी खूब खरीदारी करने आते हैं. हालांकि, हाल ही में एक घटना ने इस बाजार की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया. एक ज्वेलरी दुकान के मालिक बाप-बेटे की जोड़ी ने अमेरिकी महिला को ठग लिया. उन्होंने इस महिला को 6 करोड़ रुपये के नकली गहने बेच दिए और नकली सर्टिफिकेट भी सौंप दिए. जब इस ठगी का खुलासा हुआ, तो आरोपियों ने महिला को ही फंसाने की साजिश रच डाली.

2 साल पहले खरीदा था डायमंड

यह मामला जयपुर के गोपालजी का रास्ता स्थित दुकान नंबर 1009 रामा रोडियम का है. दो साल पहले, अमेरिका की रहने वाली चेरिश नामक महिला ने इस दुकान से 6 करोड़ रुपये के गहने खरीदे थे. चेरिश इन गहनों को लेकर यूएसए चली गई, जहां उसने एक एग्जीबिशन में स्टॉल लगाया. इस दौरान उसे पता चला कि उसके गहने नकली हैं, जिससे वह स्तब्ध रह गई. इसके बाद, पिछले महीने वह शिकायत दर्ज कराने के लिए वापस जयपुर आई. 11 मई को, चेरिश ने दोपहर 3.30 बजे रामा रोडियम की दुकान पर पहुंचकर नकली गहनों की शिकायत की. लेकिन, ज्वेलर्स गौरव सोनी ने उल्टे उस पर ही आरोप मढ़ दिए.

सच्चाई सामने आई तो उड़ गए होश!

चेरिश ने दूसरी जगह गहनों की शुद्धता की जांच करवाई, तो वहां भी वे नकली निकले. इसके बाद उसने यूएस एंबेसी को इस ठगी की जानकारी दी और 18 मई को माणक चौक पुलिस थाने में ज्वेलर्स राजेंद्र सोनी और उसके बेटे गौरव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. इसी बीच, ज्वेलर्स ने भी विदेशी महिला के खिलाफ लूटपाट की झूठी शिकायत दर्ज करवा दी. लेकिन पुलिस जांच में यह साबित हो गया कि गहने नकली थे और चांदी के आभूषणों पर पॉलिश कर 300 रुपये के स्टोन को बेशकीमती डायमंड बताकर बेचा गया था. इस खुलासे के बाद अन्य जौहरियों में भी हड़कंप मच गया.

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हॉलमार्क के फर्जी सर्टिफिकेट भी जारी करने का आरोप

इस घटना के बाद, जयपुर के जौहरी बाजार के अन्य व्यवसायी स्तब्ध हैं. ज्वेलर राधा कृष्ण सोनी ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि ऐसा कुछ हो सकता है. उन्होंने बताया कि आरोपी परिवार ने मेहनत करके पैसा कमाया है और इनके दादा के नाम पर रामा रोडियम की फर्म बनाई गई थी. लेकिन लालच में आकर इस घटना को अंजाम दिया गया, जिससे पूरे जयपुर का नाम खराब हो रहा है. इस मामले की कड़ी जांच की मांग उठ रही है. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ज्वेलर्स को हॉलमार्क के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर दिए गए थे. इस मामले में विशेषज्ञ राधा गोविंद सोनी ने बताया कि असली और नकली ज्वेलरी की पहचान के लिए कसौटी का तरीका ही सही है. कंप्यूटराइज्ड टेस्टिंग मशीनों पर विश्वास नहीं किया जा सकता.

इस पूरे मामले की जांच कर रहे एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि विदेशी महिला ने जो डायमंड खरीदे थे, उनमें मोशनाइट पत्थर था और गहनों में गोल्ड की मात्रा भी कम थी. इसी बात पर महिला की ज्वेलर्स से बहस हुई और उसने थाने में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी. ज्वेलर्स ने महिला को रोकने का प्रयास किया, जो सीसीटीवी में कैद हो गया. बाद में ज्वेलर्स ने इस फुटेज का इस्तेमाल कर महिला पर गहने लेकर भागने का झूठा आरोप लगाया. पुलिस जांच में आरोप साबित होने पर बाप-बेटा फरार हो गए और पुलिस ने फर्जी हॉलमार्क सर्टिफिकेट जारी करने वाले नंदकिशोर को गिरफ्तार कर मुख्य आरोपी गौरव सोनी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.

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