'नवरात्र में गोमूत्र पिलाकर दी जाए गरबा पंडाल में एंट्री', बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा- जो हिन्दू होगा वो पीएगा, वरना...

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'नवरात्र में गोमूत्र पिलाकर दी जाए गरबा पंडाल में एंट्री', बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा- जो हिन्दू होगा वो पीएगा, वरना...
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Indore News: इंदौर बीजेपी के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं की एंट्री रोकने के लिए एक अनोखा प्रस्ताव पेश किया है। वर्मा ने सुझाव दिया कि गरबा पंडाल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र पिलाया जाए। उनका कहना है कि यदि व्यक्ति हिंदू होगा, तो उसे गोमूत्र पीने में कोई समस्या नहीं होगी, जबकि गैर-हिंदू इससे बचने की कोशिश करेगा। वर्मा का मानना है कि आजकल आधार कार्ड जैसी पहचान पत्रों में हेरफेर संभव है और लोग तिलक लगाकर भी गरबा पंडाल में प्रवेश कर सकते हैं, इसलिए गोमूत्र पिलाना एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

गैर-हिंदुओं की एंट्री रोकने के लिए गोमूत्र पिलाने का प्रस्ताव

पत्रकारों से बात करते हुए चिंटू वर्मा ने कहा कि गरबा एक धार्मिक उत्सव है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी होनी चाहिए। वर्मा ने तिलक लगाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र भी पिलाया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है, और गोमूत्र का सेवन करना हिंदुओं के लिए आदर्श होगा। इसलिए गोमूत्र पिलाने से केवल गैर-हिंदू लोग ही इसे अस्वीकार करेंगे, जिससे उनकी पहचान हो सकेगी।

गरबा में तिलक और गोमूत्र का महत्व

वर्मा ने यह भी कहा कि गरबा देवी माँ का पर्व है, और यह एक पवित्र अवसर है जहां बड़ी संख्या में महिलाएं और लोग शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि गोमूत्र का उपयोग एक पारंपरिक धार्मिक प्रक्रिया है और इसे सभी को पिलाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। आने वाले दिनों में नवरात्र का पर्व शुरू होगा, और मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर दुर्गा पूजा और गरबा के आयोजन होंगे।

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छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया कदम

वर्मा के इस बयान के पीछे का कारण गरबा पंडालों में होने वाली छेड़खानी की घटनाओं को रोकना है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे मामलों की शिकायतें आती हैं, जहां दूसरे धर्म के लोग पंडालों में प्रवेश कर महिलाओं और लड़कियों से छेड़खानी करते हैं। इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, वर्मा ने इस तरह का उपाय सुझाया है, जिससे गैर-हिंदुओं की पहचान कर उन्हें पंडाल में प्रवेश से रोका जा सके।

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