IAS बनने का सपना लेकर श्रेया दिल्ली आई थी, टीवी पर खबर देखकर टूट गया 'सपना', श्रेया की मौत से सदमे में परिवार
Delhi News: शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही
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Delhi News: शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. दिल्ली पुलिस और फायर विभाग की टीम इस बात की जांच कर रही है कि बेसमेंट में पानी कैसे घुसा.
बेसमेंट में पानी कैसे घुसा?
RAU's आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के बाद दो थ्योरी (क्या बेसमेंट में भी कोचिंग चल रही थी? बिल्डिंग के पास फायर विभाग की NOC थी या नहीं और मुख्य द्वार पर लगा शेड कैसे टूटा?
सूत्रों के अनुसार, तेज बारिश के बाद कोचिंग का गेट बंद कर दिया गया था, जिस पर स्टील शेड लगा हुआ था ताकि पानी अंदर नहीं जा सके. लेकिन बारिश का पानी सड़क पर भर जाने के कारण पानी का दबाव इतना ज्यादा था कि स्टील शेड टूटकर बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे अंदर मौजूद स्टूडेंट्स फंस गए.
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टीवी पर खबर देखकर टूट गया एक 'सपना'
मृतकों में यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया यादव भी शामिल हैं. उनकी मौत की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची, बरसावां हाशिमपुर गांव में मातम छा गया. श्रेया के परिजन उन्हें भविष्य की आईएएस अधिकारी के रूप में देख रहे थे, लेकिन उनका सपना अब हमेशा के लिए टूट गया है. श्रेया की मौत के बाद उनके चाचा धर्मेंद्र यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि कल रात जब वह टीवी देख रहे थे, तो उन्हें राजेंद्र नगर संस्थान की खबर के बारे में पता चला.
मेन गेट कैसे टूटा?
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि एक कार को बाहर निकालने के लिए गेट खोला गया था, जिसके बाद पानी तेजी से अंदर आ गया. यह जांच का विषय है कि गेट किसने बंद किया और खोला. बेसमेंट की गहराई जमीन से करीब 8 फीट नीचे है. सड़क पर भरा हुआ पानी गेट को तोड़कर बेसमेंट में भर गया, जिससे तीन छात्रों की मौत हो गई.
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दिल्ली फायर विभाग के अधिकारी अतुल गर्ग के अनुसार, राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट को फायर एनओसी मिली हुई है. राजधानी दिल्ली में पहले कोचिंग इंस्टीट्यूट को फायर एनओसी लेना अनिवार्य नहीं था, लेकिन पिछले साल मुखर्जी नगर के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने की घटना के बाद कोर्ट के आदेश पर कोचिंग सेंटर्स का सर्वे किया गया और फायर एनओसी अनिवार्य कर दी गई.
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अतुल गर्ग का कहना है कि यही वजह है कि राजेंद्र नगर के अधिकतर कोचिंग इंस्टीट्यूट बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं, क्योंकि पहले यह अनिवार्य नहीं थी.
दिल्ली नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि कमर्शियल बिल्डिंग के आधार पर राजेंद्र नगर के इलाके में कोचिंग चलाने की परमिशन है. हालांकि, यह जांच का विषय है कि उस समय बेसमेंट में कोचिंग चल रही थी या नहीं, क्योंकि सिर्फ ऊपरी मंजिलों पर ही कोचिंग चलाने की अनुमति है. निगम सूत्रों का कहना है कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट के साथ ही कन्वर्जन और पार्किंग चार्ज जमा किए गए हैं और बिल्डिंग का नक्शा भी पास है.
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