सांगली में ठग ने ली 9 लोगों की जान? 'RICE PULLER' जादू या धोखा

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Shams KI Zubani: इंसान की जिंदगी में बहुत परेशानियां और मुसीबतें आती हैं लेकिन खुदकुशी किसी भी मुश्किल का हल नहीं है। ये अजीब कहानी है जो सांगली से सामने आई है। जी हां मुंबई से साढ़े तीन सौ किलोमीटर सांगली मौजूद है। यहां एक ही परिवार के 9 लोगों ने खुदकुशी कर ली। यहां दो घर में दो सगे भाई परिवार के साथ रहा करते थे। इनमें से एक भाई पशु चिकित्सक थे। जबकि परिवार की एक बेटी बैंक में नौकरी करती थी यानि परिवार हंसता खेलता था किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी।

20 जून 2022 की सुबह इनके घर से कोई बाहर नहीं निकला ना ही कोई फोन उठा रहा था लिहाजा पड़ोसियों ने घर के अंदर देखा तो घर में लाशों के ढेर पड़े थे। जिन लोगों की मौत हुई उनमें एक 54 साल के टीचर पोपट वानमोरे थे तो 49 साल के उनके ही भाई और जानवरों के डॉक्टर माणिक वानमोरे थे। इसके अलावा दोनों के परिवार के बाकी लोग यानी वानमोरे बंधुओं की पत्नी और बच्चे साथ में उनकी 74 साल की बूढ़ी मां थीं। इन लाशों मे 30 साल की बेटी की लाश भी शामिल थी। सभी के मुंह से झाग निकल रहा था।

यहां पोपट वानमोरे के परिवार की तरह ही यहां भी डॉ. माणिक वानमोरे समेत उनके परिवार के सभी के सभी छह लोग मुर्दा पड़े थे। 45 साल की उनकी बीवी रेखा माणिक वानमोरे, 28 साल का उनका भतीजा शुभम वानमोरे, उनकी 28 साल की बेटी अनिता माणिक वानमोरे, 15 साल का बेटा आदित्य वानमोरे और उनकी 72 साल की बुज़ुर्ग मां अक्काताई वानमोरे घर में जहां-तहां मुर्दा पड़े थे।

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पहली नजर में ये प्वाइजनिंग का मामला नजर आ रहा था। पूरा परिवार मिलनसार और अच्छा था तभी पता चला कि ये लोग कर्जदार भी थे। कई कर्ज देने वाले घर पर आकर शोर शराबा किया करते थे। परिवार बेहद शर्मिंदा महसूस करता था। जांच के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट जैसी चीज भी मिली जिसमे लिखा था कि जिससे लगा कि परिवार कर्ज से दबा हुआ था और स्टील की फैक्ट्री लगाने के लिए कर्ज लिया हुआ था। 9 की मौत का मामला था लिहाजा पुलिस ने संजीदगी से जांच शुरु की।

Shams Ki Zubani: 9 मौत को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे मसलन ये बुराड़ी जैसा कोई मामला तो नहीं है। लाशें अगर अलग तरह से मिली थीं। दरअसल सुसाइड अचानक होने वाली प्रक्रिया है। ये प्लानिंग के तहत नही होता। बुराड़ी भी प्लान तरीके से नही हुआ था मरना एक को था बाकि तो रिहर्सल के चलते मर गए। सांगली मामले में पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि घर के लोग किसी राइस पुलर का नाम लिया करते थे।

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डॉक्टर साहब कहते थे किसी कंपनी से बात हो गई है 3000 करोड़ मिलेंगे हम रईस हो जाएंगे और हमारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। ये नाम सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए। आखिर राइस पुलर क्या था? क्या ये कोई जादुई सिक्का था जो इस परिवार के हाथ लग गया था। दरअसल राइस पुलर एक बड़ा जालसाजी का नेटवर्क है जिसको समझना बेहद जरुरी है। एक सिक्का जो चावल खींचने वाला होता है इसकी कीमत करोड़ों की होने का दावा जालसाजों द्वारा किया जाता है। पूरे देश में गैग लोगों को अपने जाल में फंसाता है।

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गैंग के लोग पीड़ितों को पाठ पढ़ाते हैं कि इस इंस्ट्रूमेंट को आखिर में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा या कोई दूसरी स्पेस एजेंसी हजारों करोड़ में खरीदेगी। वो कहते हैं कि यह मेटल चावल को अपनी ओर खींचता है। 'Rice-Puller' घोटाले के नाम से यह कई साल से चर्चा में रहा है। राजस्थान, एमपी, मुंबई और दिल्ली जैसे कई शहरों से ऐसे ठग पकड़े गए जो मैग्नेटिक पावर का 'खेला' दिखाकर लोगों को रेडियोएक्टिव पदार्थ का झांसा दे देते हैं।

Shams Ki Zubani: पुलिस की जांच मे ये बात सामने आई कि परिवार ने कर्ज ले रखा था जिसके बाद सांगली पुलिस ने 15 कर्ज देने वालों को गिरफ्तार भी किया। जिनके ऊपर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस चलाया जा रहा है। लेकिन जो पुलिस हफ़्ते भर पहले तक इसे एक मास सुसाइड यानी सामूहिक ख़ुदकुशी का मामला बता रही थी, वही पुलिस अब सामने आकर ये कहती नज़र आई कि ये मामला सामूहिक ख़ुदकुशी का नहीं बल्कि मास मर्डर यानी सामूहिक क़त्ल का है और क़त्ल के पीछे क़र्ज़ नहीं बल्कि गुप्त धन यानी ख़ुफ़िया ख़ज़ाने की एक ऐसी रहस्यमयी कहानी छुपी है।

दरअसल सांगली जिले के म्हैसल गांव में 20 जून को 9 लोगों की कथित सामूहिक खुदुकशी ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था। शुरुआती जांच में पुलिस इसके पीछे कर्ज के दबाव में आत्महत्या मान रही थी, लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया। पुलिस का कहना है कि गुप्त धन के लालच में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। सांगली के एसपी दीक्षित गेडाम ने बताया कि घर के 9 लोगों को खाने में कोई बहुत जहरीला पदार्थ देकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया। इस मामले में दो लोगों धीरज और अब्बास महमंद अली बागवान को सोलापुर से गिरफ्तार किया गया है।

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