मूसेवाला को मारने वाले कितने शूटर थे, छह या आठ, गोल्डी बराड़ की पोस्ट का चौंकाने वाला खुलासा

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मूसेवाला को मारने वाले कितने शूटर थे, छह या आठ, गोल्डी बराड़ की पोस्ट का चौंकाने वाला खुलासा
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Moose Wala Murder: कितने शूटरों ने मिलकर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) को मारा? छह लोगों ने या आठ लोगों ने। अभी तक यही बात सामने आ रही थी कि 29 मई को मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास जब सिद्धू मूसेवाला को मौत (Murder) के घाट उतारा जा रहा था उस वक़्त वहां कितने लोग मौजूद थे। कितने शूटर (Shooters) थे और कितनों ने अपनी बंदूकों से सिद्धू मूसेवाला का निशाना तानकर उस पर गोलियां बरसाईं थीं।

इस सवाल का सटीक सटीक जवाब कोई और नहीं खुद वो शूटर दे सकते हैं जिन्होंने ये शूटआउट अंजाम दिया या फिर उस गैंग्स्टर की बात को कान दिए जा सकते हैं जिसके इशारे पर इस वारदात को अंजाम दिया गया।

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर तिहाड़ जेल में बंद गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा से अपना गैंग चला रहे गोल्डी बराड़ के इशारे पर ही किया गया था। उन्हीं के तय मुखबिर की खबर के बाद ही लॉरेंस गैंग के शूटरों ने उस थार का पीछा किया जिस पर सवार होकर सिद्धू मूसेवाला अपने घर से निकला था और फिर कभी नहीं लौट सका।

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Moose Wala Murder: अगर उसी गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ के दावे पर यकीन किया जाए तो उस रोज जवाहरके गांव के पास आठ शूटरों ने सिद्धू मूसेवाला पर निशाना साधा था...यानी आठ शूटरों ने मिलकर सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारा था। इस बात पर मुहर लगाती है गोल्डी बराड़ की वो फेसबुक पोस्ट जिसमें उसने ये बात कही है कि सिद्धू मूसेवाला को तो आठ लोगों ने मौत के घाट उतारा लेकिन पंजाब पुलिस के एक हज़ार शूटरों ने मिलकर हमारे दो शूटरों को निशाना बनाया और वो भी कई घंटों गोली चलाने के बाद।

गोल्डी बराड़ की यही बात चौंकाती है...क्योंकि अभी तक यही बात कही सुनी और पढ़ी जा रही थी कि सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में छह शूटर शामिल थे। और ये दावा किया गया था पुलिस की तरफ से। जो मौके पर बहुत देर बाद पहुँची थी।

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ऐसे में गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ का वो दावा चौंकाता भी है जिसमें आठ शूटरों की बात कही गई है। और ये बात इसलिए सच के करीब लगती है क्योंकि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई ने मिलकर सिद्धू मूसेवाला के घर पर मुखबिरों की टोली पहुँचाई थी। उसकी रेकी के लिए अपने गैंग के गुर्गों को बाकायदा निर्देश दिए थे...और यहां तक कि सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए घूम रहे शूटरों को नए जमाने के हथियार भी मुहैया करवाए थे। और फिर शूटआउट के बाद उन्हें मौके से फरार होने तक का इंतजाम करवाया था...यानी कदम कदम पर गोल्डी बराड़ का इंतजाम था।

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Moose Wala Murder: ऐसे में गोल्डी बराड़ की बात को झूठ मानने की कोई वजह नजर आती नहीं। जबकि पुलिस ने पूरे दावे के साथ ये बात कही थी कि सिद्धू मूसेवाला का मर्डर छह शूटरों ने मिलकर किया था। लेकिन पुलिस ने ये छह शूटरों वाली बात या तो अपने अंदाजे से या फिर मौके पर वारदात के बाद पहुँचे लोगों के बयानों के आधार पर ही कही थी। जिस पर सवाल उठ भी सकते हैं। इसके अलावा पुलिस के पास एक और ज़रिया था लेकिन बाद में...जब उसकी गिरफ्त में सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में शामिल शूटरों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की।

पुलिस ने ये बात कभी भी खुलकर नहीं बताई कि सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में कितने शूटर शामिल थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि पुलिस ने अपनी सहूलियत के आधार पर ही शूटरों की संख्या अभी तक जमाने के सामने जाहिर की है। जिसमें से दो शूटरों को एनकाउंटर में मारा जा चुका है। जबकि चार उसकी गिरफ्त में हैं।

लेकिन एक सवाल यहां ज़रूर खड़ा हो सकता है कि अगर इस शूटआउट में आठ शूटर शामिल थे तो फिर वो दो शूटर कौन थे, जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की वारदात में हिस्सा लिया था। उन्हें जमीन निगल गई या आसमान खा गया। उनका नाम क्या था। क्या उन शूटरों के बारे में प्रियव्रत फौजी या अंकित सेरसा या कुलदीप में से किसी ने भी कुछ कहा, कुछ बताया और अगर बताया तो क्या बताया।

पुलिस की बताई गई थ्योरी के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला मर्डर में दो मॉड्यूल थे। एक हरियाणा माड्यूल जिसका सरगना प्रियव्रत फौजी था और उसके अलावा तीन और लोग उस टोली में शामिल थे जबकि दूसरा पंजाब मॉड्यूल था जिसमें जगरुप रूपा और मनप्रीत मन्नू शामिल थे।

इस पूरे सिलसिले में दो शूटरों का जिक्र लापता है, और अब यही दो शूटर की बात सवाल खड़े करती है।

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