महंत नरेंद्र गिरि: 3 करोड़ कैश, 50 किलो सोना, जमीनों के कागज, मौत के एक साल बाद मिला क्या कुछ

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महंत नरेंद्र गिरि: 3 करोड़ कैश, 50 किलो सोना, जमीनों के कागज, मौत के एक साल बाद मिला क्या कुछ
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Mahant Narendra Giri Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giri Case) के तकरीबन एक साल बाद सीबीआई (CBI) की टीम गुरुवार को जांच के लिए पहुंची थी. सीबीआई ने प्रयागराज (Prayagraj) के बाघंबरी मठ (Baghambri Math) में महंत के सीलबंद कमरे से भारी मात्रा में कैश, जूलरी और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं. 

Mahant Narendra Giri Case Update: सीबीआई की टीम ने गुरुवार को बाघंबरी मठ में महंत की संदिग्ध मौत के एक साल बाद उनके कमरे को खोला है. सूत्रों के मुताबिक उनके कमरे से कैश ढाई करोड़ रुपये बरामद किया गया है. सामान बरामद करने की पूरी कार्रवाई की सीबीआई टीम ने वीडियोग्राफी भी की है. कमरा महंत बलबीर गिरि की याचिका पर खोला गया था. जिन्होंने अदालत से मांग की थी कि मठ के अंदर की सारी संपत्ति और नकदी का मामले से कोई संबंध नहीं है, इसलिए इसे वापस किया जाना चाहिए.

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टीम में शामिल थे ये
कोर्ट ने आदेश पारित किया था, जिसके बाद सीबीआई की टीम ने एसीएम अभिनव कनौजिया, एसीएम गणेश कुमार और पुलिस सर्कल अधिकारी राजेश यादव की उपस्थिति में एक बैंक अधिकारी के साथ कैश और जूलरी निकाले और इसे मठ अधिकारियों को सौंप दिया. पिछले साल 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष 62 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ में मृत पाए गए थे. इसके बाद, राज्य सरकार ने महंत की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

आरोप पत्र में कही गई ये बात
सीबीआई को 24 सितंबर को महंत के शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का मामला सौंपा गया. एक महीने की जांच के बाद, जांच एजेंसी ने आरोप पत्र दायर किया. जिसमें कहा गया था कि आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी ने दिवंगत महंत की प्रतिष्ठा को बदनाम करने वाला एक आपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था. उन पर अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव डाला था. जिससे उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 

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