नोएडा अथॉरिटी के पू्र्व CEO के घर मिला हीरों का भंडार, करोड़ों का सोना भी, ED को भी याद रहेगी ये रेड, काली कमाई का भंडाफोड़
Noida: नोएडा की हेसिंडा प्रॉजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और उनके सहयोगियों के 12 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी की गई है। इस छापेमारी में 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 1 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है।
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Noida: नोएडा की हेसिंडा प्रॉजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और उनके सहयोगियों के 12 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी की गई है। इस छापेमारी में 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 1 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। खास बात यह है कि अकेले 7 करोड़ रुपये के हीरे यूपी के पूर्व आईएएस अधिकारी सरदार मोहिंदर सिंह (Former IAS officer Sardar Mohinder Singh) के चंडीगढ़ स्थित आवास से मिले हैं। मोहिंदर सिंह, जो मायावती के कार्यकाल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन और प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे थे, पहले भी कई घोटालों में संलिप्त रहे हैं।
हेसिंडा कंपनी पर ईडी की छापेमारी
पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह का नाम यूपी के चर्चित स्मारक घोटाले में भी जुड़ा हुआ है। उन पर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहते हुए कई बड़े बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। छापेमारी के दौरान ईडी को कई संदिग्ध दस्तावेज, प्रॉपर्टी के कागजात और बड़ी मात्रा में गहने मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर जांच की जा रही है कि मोहिंदर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किन-किन बिल्डरों को लाभ पहुंचाया और किस तरह से अवैध संपत्तियां बनाई। इस मामले में ईडी की जांच आगे बढ़ रही है और इसके साथ ही मोहिंदर सिंह की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के घर से करोड़ों के हीरे बरामद
ईडी के सूत्रों के अनुसार, हेसिंडा कंपनी से जुड़े मेरठ के व्यवसायी आदित्य गुप्ता के आवास से भी 5 करोड़ रुपये के हीरे, गहने और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। छापेमारी के दौरान छह बैंक लॉकरों का पता चला है, जिन्हें सील कर दिया गया है। ईडी इन बैंक लॉकरों की जांच भी करेगी ताकि पता लगाया जा सके कि उनमें छिपी हुई और क्या संपत्तियां हैं। इसके साथ ही, ईडी ने मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा के 12 ठिकानों पर छापेमारी की, जिनमें कंपनी के निदेशकों और उनके सहयोगियों के घर और कार्यालय शामिल थे। इन छापों के दौरान मिले दस्तावेज, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है, जिनकी जांच की जा रही है।
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मोहिंदर सिंह पर बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के आरोप
मोहिंदर सिंह पहले भी विवादों में रहे हैं। मायावती के शासनकाल में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में उनका नाम उछला था। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। इस छापेमारी से यह संकेत मिल रहा है कि उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन को लेकर बड़ी गड़बड़ियों का पर्दाफाश हो सकता है। ईडी ने मोहिंदर सिंह के खिलाफ गंभीर जांच शुरू कर दी है, और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना प्रबल हो रही है।
स्मारक घोटाले में भी मोहिंदर सिंह का नाम
ईडी की इस छापेमारी ने कई और बड़े नामों को भी घेरने का इशारा दिया है। जिन दस्तावेजों और सबूतों को जब्त किया गया है, वे बड़ी संख्या में निवेशकों के साथ की गई धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की पोल खोल रहे हैं। खासकर, लग्जरी फ्लैट्स में निवेश करने वाले लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में हेसिंडा कंपनी के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, जिन बैंक लॉकरों को सील किया गया है, उनकी जांच से और भी संपत्तियों का खुलासा होने की संभावना है।
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इस छापेमारी से यह साफ हो गया है कि ईडी की जांच न केवल संपत्तियों और वित्तीय धोखाधड़ी तक सीमित है, बल्कि इसमें कई बड़े अधिकारियों और बिल्डरों के काले धंधों का भी पर्दाफाश हो सकता है।
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