''बेब! अग्नि 6 मेरी डिजाइन है...'' DRDO का साइंटिस्ट लीक करता रहा मिसाइल से लेकर ड्रोन तक के डीटेल

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''बेब! अग्नि 6 मेरी डिजाइन है...'' DRDO का साइंटिस्ट लीक करता रहा मिसाइल से लेकर ड्रोन तक के डीटेल
DRDO scientist Kurulkar Case:
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DRDO scientist Kurulkar Case: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) द्वारा दायर 1,800 पन्नों की चार्जशीट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इसमें कहा गया है कि डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (DRDO) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर भारतीय मिसाइलों और अन्य रक्षा उपकरणों के संबंध में खुफिया जानकारी मुहैया कराई. इसके अतिरिक्त पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को दो वैज्ञानिक से संपर्क में था जिसका खुलासा किया गया है.

चार्जशीट के अनुसार, कुरुलकर एक पीआईओ एजेंट के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने में लगा हुआ था. जिसने अपनी पहचान ज़रा दास गुप्ता के रूप में बताई थी. लंबी जांच के दौरान, पुलिस को कोई पैशों का लेनदेन नहीं मिला, जिससे पता चला कि यह सिर्फ न्यूड फोटो वीडियो और सेक्सटिंग का आदान-प्रदान था जिसमें कुरुलकर ने संवेदनशील रक्षा परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की थी. पीआईओ एजेंट के साथ एक चैट में, कुरुलकर ने उसके साथ अपनी डेली रूटीन और उन दो भारतीय वैज्ञानिकों के संपर्क नंबर साझा किए, जो डीआरडीओ की पुणे इकाई में महत्वपूर्ण परियोजनाओं को संभाल रहे थे.

पाकिस्तानी एजेंट ने कुरुलकर को फंसाने के लिए अलग-अलग नामों से कई फर्जी अकाउंट बनाए. इनमें से दो का नाम ज़ारा दासगुप्ता और जूही अरोड़ा था. एक ऑपरेटर, कई फर्जी खाते. व्हाट्सएप अकाउंट +44 से शुरू होने वाले दो अलग-अलग फोन नंबरों से भी बनाए गए थे. यह यूके का देश कोड है. ये नंबर इसलिए चुने गए ताकि कुरुलकर को लगे कि वह किसी ब्रिटिश भारतीय से बातचीत कर रहे हैं. वह उससे रोज बात करने लगा. डेली रूटीन देने लगे कि आज डीआरडीओ परिसर में एक तेंदुए के आ जाने से अफरा-तफरी मच गई. यहां ये काम कैसे हो रहा है, वो काम कैसे हो रहा है आदि.

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ऐसी ही एक चैट में एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव उनसे पूछता है, 'अग्नि 6 में कोई बदलाव हुआ है क्या, कुछ नया जोड़ो है क्या... मैंने सुना है कि अग्नि-6 पर काम चल रहा है, इसका परीक्षण कब करना है?' जवाब में कुरुलकर ने लिखा, 'करेंगे, थोड़ा धैर्य रखें.'

चैट में डेली रूटीन के साथ दे दी खुफिया जानकारी

ज़ारा: इसे आज ट्विटर पर पढ़ा
ज़ारा: DRDO की अद्भुत तकनीक
ज़ारा- क्या ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया?
ज़ारा: वीडियो असली नहीं बल्कि उत्तेजित करने वाला लगता है
ज़ारा- है ना?
कुरुलकर: लगभग
इसके बाद कुरुलकर ने यूसीएवी के विवरण वाले सात अलग-अलग लिंक साझा किए, जिनमें Google छवियां, यूट्यूब वीडियो और रक्षा लेख शामिल थे.
ज़ारा: बेब ये क्या है?
कुरुलकर: यूसीएवी

 

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दोनों वैज्ञानिकों के डिटेल्स के अलावा, कुरुलकर ने प्राइवेट सेलर्स का विवरण भी साझा किया जो भारत सरकार को रक्षा उपकरण प्रदान करते हैं.
आरोपपत्र में पीआईओ एजेंट के साथ अग्नि-6 मिसाइल लॉन्चर के बारे में चैट भी शामिल हैं. अग्नि-6 के बारे में चैट इस प्रकार हैं:

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ज़ारा- आपका टेस्ट सफल रहा?
कुरुलकर: लॉन्चर मेरा डिज़ाइन है बेब
ज़ारा- टेस्ट कैसा रहा बेब?
ज़ारा: सक्सेसफुल या नहीं
कुरुलकर: बड़ी सफलता
ज़ारा: मेरा मतलब है नए पैरामीटर या कोई बदलाव होता है?
ज़ारा: और मैंने यह भी सुना है कि अग्नि 6 पर भी काम चल रहा है, उसका टेस्ट कब करना है?
कुरुलकर: नाईट फायर 
कुरुलकर: करेंगे थोड़ा धीरज रखो
ज़ारा: बेब, रात की आग से आपका क्या मतलब है?
ज़ारा: उसके बाद कहां जाता है ये आर्मी या एयरफोर्स?

चार्जशीट में बताया गया है कि कैसे पाकिस्तानी ऑपरेटिव ने कुरुलकर का विश्वास जीतने के लिए पुरुलकर के साथ तीन-तीन ईमेल आईडी के पासवर्ड साझा किए थे. ये आईडी थीं switpanda@gmail.com, ड्रीमगर्ल56@gmail.com और Common158@gmail.com. इन ईमेल आईडी में रिकवरी मोबाइल नंबर के रूप में केवल एक नंबर पंजीकृत था जो पाकिस्तानी मोबाइल नंबर था. जिस आईपी एड्रेस से ये ईमेल आईडी जुड़े हुए थे वह पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड का था. उनके कहने पर पुरुलकर ने अपने मोबाइल फोन पर दो ऐप भी डाउनलोड किए थे. एटीएस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि इन ऐप्स के जरिए उनके फोन में कुछ मैलवेयर भी इंस्टॉल किए गए थे, ताकि पाकिस्तानी ऑपरेटिव उनके फोन के हर डेटा को देख सके और उसका इस्तेमाल कर सके.

मेटेओर मिसाइल, राफेल, एके सिस्टम और एस्ट्रा मिसाइल के बारे में भी बातचीत हुई


ज़ारा: मैंने वह खबर पढ़ी जो दुनिया की खतरनाक मिसाइल मेटेओर के बारे में है
ज़ारा- इतना महंगा सिस्टम, क्या हम सक्षम हैं?
ज़ारा: IAF ने राफेल एयर फ्रेंच है ना 
ज़ारा: क्योंकि मुझे लगता है राफेल फ्रांस का हा ना बेब
कुरुलकर: लेकिन जो यहां प्रदर्शित है वह भारतीय वायुसेना का है
ज़ारा: Common158@gmail.com
ज़ारा: राजाओ****
ज़ारा- मतलब नया एग्रीमेंट हुआ हमारे देश का
कुरुलकर: हाँ बेब (specific details)
कुरुलकर: (देश का नाम) और ऑर्डर जोड़ रहा है
ज़ारा: और बेब क्या तुमने राफेल देखा है?
कुरुलकर: हाँ इसका एरियल शो देखा
ज़ारा: मेटेओर के साथ
ज़रा: लाइव फेज में है ना राफेल, HWA खरीद लिया गया? मैंने समाचार देखा है
कुरुलकर: (specific details)

इसके अलावा, कुरुलकर के लैपटॉप से जुड़े जासूसी मामले में एक मोड़ सामने आया. यह पता चला कि DRDO द्वारा एटीएस को प्रदान किया गया एप्पल मैकबुक कुरुलकर का नहीं था. यह खुलासा तब सामने आया जब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) लैपटॉप पर कोई भी रिलेवेंट इंफॉर्मेशन ढूंढने में विफल रही. जांच में सीरियल नंबर में गड़बड़ी का पता चला, जिससे पता चला कि डीआरडीओ ने अनजाने में किसी और का लैपटॉप एटीएस को सौंप दिया था. मूल लैपटॉप को अब एटीएस के साथ साझा किया गया है और डाटा एक्सट्रैक्शन के लिए एफएसएल को भेजा गया है.

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