गैंगवार में मारा गया खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार मलिक, मुख्यमंत्री को भी धमकाया था

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गैंगवार में मारा गया खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार मलिक, मुख्यमंत्री को भी धमकाया था
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Gangster Mukhtar Malik: भोपाल (Bhopal) का खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार मलिक (Gangster Mukhtar Malik) राजस्थान (Rajasthan) के झालावाड़ (Jhalawar) में हुए गैंगवार (Gangwar) में मारा गया. मुख्तार को मंगलवार-बुधवार की रात हुए गैंगवार में गोली मार दी गई थी. इस वजह से वह बुरी तरह जख्मी हो गया. पुलिस को सूचना मिली कि मुख्तार मलिक नदी से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में जख्मी पड़ा हुआ है.

इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मुख्तार को अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार के खिलाफ 58 जघन्य अपराध दर्ज हैं. 61 वर्षीय मुख्तार के 40 साल पुराने अपराध की दुनिया का दर्दनाक अंत हो गया है.

Gangster Mukhtar Malik Story: शुक्रवार को मुख्तार का पार्थिव शरीर भोपाल के कोहेफिजा स्थित प्राइड हाइट्स स्थित उनके घर लाया गया. मृतक गैंगस्टर मुख्तार मलिक पिछले दिनों झालावाड़ जिले के भीमसागर बांध और कालीसिंध बांध के जलग्रहण क्षेत्र में मछली का ठेकेदार बना था. ठेके के दौरान ही बंटवारे से दो दिन पहले दूसरे गुट से झड़प हो गई थी.

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Gangster Mukhtar Malik killed in gangwar: इस झड़प में फायरिंग भी देखने को मिली. सात फायरिंग और पथराव के दौरान मुख्तार मलिक अपने साथी विक्की के साथ लापता हो गया। वहीं, फायरिंग और नाव पलटने से हुई इस झड़प में एक अन्य युवक कमल सिंह की मौत हो गई. तभी से मुख्तार लापता था। वह घायल अवस्था में कांखेड़ली के जंगलों में छिपा था। समय पर इलाज नहीं मिलने से मुख्तार की मौत हो गई।

गैंगस्टर ने जब मुख्यमंत्री को धमकाया था

बता दें कि भोपाल का गैंगस्टर मुख्तार कुख्यात अपराधी था. मुख्तार ने 21 साल की उम्र से ही अपराध का रास्ता चुना था. मुख्तार के खिलाफ भोपाल के विभिन्न थानों में 58 गंभीर अपराध दर्ज हैं. साल 1982 में पहली बार उन्हें ज्यादती के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. तब से वह लगातार अपराध की राह पर चल रहा था.

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मुख्तार ने 1990 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को धमकी भी दी थी. उसके बाद वह चर्चा में आ गए. भोपाल की जिला अदालत में मुन्ने पेंटर गैंग के बीच हुए गैंगवार में मुख्तार को 2006-07 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन मुख्तार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी और वहां से इसे मंजूरी मिल गई. मुख्तार के खिलाफ हत्या के प्रयास, ज्यादती, अपहरण और बदतमीजी समेत 58 गंभीर मामले दर्ज हैं.

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