चूहे की हत्या के केस में हुआ पोस्टमॉर्टम, मौत का खुला राज़, डॉक्टरों का ये सनसनीखेज़ खुलासा
Shocking Murder Case: चूहे के पोस्टमॉर्टम ने उसकी मौत के राज से पर्दा उठा दिया और एक पशुप्रेमी की चिंता दूर कर दी गई, अन्यथा पुलिस ने तो FIR लिख ही ली थी और एक शख्स क़ानून के शिकंजे में आ भी गया था।
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Shocking Murder Case: चूहे का पोस्टमॉर्टम (Postmortem)। सुनते ही ये बात सीधे जेहन को झकझोर देती है। क्योंकि इससे पहले कभी ऐसे किसी पोस्टमॉर्टम के बारे में न तो सुना और न ही कहीं पढ़ा। लेकिन हिन्दुस्तान (India) में पहली बार चूहे (Mouse) का पोस्टमॉर्टम हुआ।
ये पोस्टमॉर्टम इसलिए किया गया ताकि ये पता लगाया जा सके कि चूहे की मौत की असली वजह क्या थी और क्या चूहे को मौत के घाट उतारने वाले को सज़ा दी जा सके या उसे बरी किया जा सके।
ये क़िस्सा सामने आया है बदायूं से। यहां चूहे का पहली बार पोस्टमॉर्टम हुआ। और उसी पोस्टमॉर्टम से ये बात सामने आई कि उस चूहे की मौत नाली के पानी में डूबने से नहीं हुई थी बल्कि दम घुटने से वो चूहा मारा गया। पोस्टमॉर्टम से ये भी पता चल गया कि उस चूहे के फेफड़े और लीवर भी पहले से ही खराब हो चुके थे।
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यानी IVRI के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर के पी सिंह के मुताबिक वो चूहा पहले से ही कई बीमारियों की चपेट में था और वो ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह सकता था।
Murder Case: ये सारा वाकया एक पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा की वजह से सामने आया। असल में विकेंद्र शर्मा ने एक शख्स को चूहे को पानी में डुबोते हुए देखा तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की और साथ ही उस शख्स को आरोपी बना दिया जिसे विकेंद्र शर्मा ने चूहे को पानी में डुबोते हुए देखा था।
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पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक जिले के कोतवाली सदर इलाक़े के कल्याण नगर के रहने वाले विकेंद्र शर्मा ने गांधी ग्राउंड चौराहे के पास एक शख्स को चूहे को पूछ से बांधकर पानी में डुबोते देखा था। ये वाकया बीती 25 नवंबर का बताया जा रहा है। इसी बीच विकेंद्र शर्मा ने उस नाले में छलांग लगाकर चूहे को बाहर निकाला। हालांकि तब तक चूहे का दम निकल चुका था। तब विकेंद्र उस चूहे को लेकर थाने पहुँचे।
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Rat Murder : पुलिस ने बकायदा इसकी रिपोर्ट लिखी और चूहे की लाश को सील करके उसे बदायूं के पशु चिकित्सालय भेजा गया। मगर बदायूं में चूहे का पोस्टमॉर्टम करने का साधन नहीं था लिहाजा विकेंद्र की शिकायत और अपील के बाद उसे बरेली के IVRI भेजा गया। खुद IVRI के डायरेक्टर के पी सिंह के मुताबिक देश में ये पहला मामला है जब किसी चूहे का पोस्टमॉर्टम किया गया।
उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद चूहे के दूसरे अंगों की भी माइक्रोस्कोपिक जांच की गई। उसी जांच में ये भी पता चला है कि चूहे के फेफड़े और लीवर में नाले के गंदे पानी के कोई अंश नहीं मिले।
इससे ये भी पता चलता है कि चूहा नाले के पानी में फेंकने से पहले ही मर चुका था। चूंकि उसकी जांच में ये बात भी साफ हुई है कि चूहा पहले से ही कई बीमारियों की चपेट में था ऐसे में मुमकिन है कि वो जल्दी ही मर जाता। उसका ज़्यादा वक्त तक जिंदा रहना नामुमकिन था।
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