WHAT IS VIRTUAL POSTMORTEM ? वर्चुअल पोस्टमॉर्टम क्या होता है?

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WHAT IS VIRTUAL POSTMORTEM ? पोस्टमॉर्टम। एक ऐसा शब्द है जिसको सुनते ही सिहरन पैदा हो जाती है। अब सवाल यही है कि आखिर ये पोस्टमॉर्टम क्या होता है? असल में पोस्टमॉर्टम दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। पोस्ट और मॉर्टम जिसका मतलब है मौत के बाद यानी पोस्ट का मतलब बाद में और मॉर्टम का मतलब है मौत

अब सवाल है कि पोस्टमॉर्टम क्या है तो इसका मतलब है कि शव की चीर फाड़ करके जिस्म के भीतरी हिस्सों को जांचना और परखना। जो कि अक्सर मौत या असमय हुई मौत के बाद इस प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है।

लेकिन राजू श्रीवास्तव के मामले में वर्चुअल पोस्टमॉर्टम किया गया। जिसे वर्टोप्सी भी कहा जाता है। यानी ऐसी शल्य क्रिया जिसे वीडियो के जरिए किया जाता है।

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WHAT IS VIRTUAL POSTMORTEM ? इस प्रक्रिया में शव को चीरा फाड़ा नहीं जाता। यहां तक कि शव में कोई कट तक नहीं लगाया जाता। और शव के भीतरी हिस्सों का परीक्षण कर लिया जाताहै। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फॉरेंसिक डॉक्टर हाई टेक तरीके से डिजिटल कैमरे और एक्सरे के साथ साथ MRI की आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करते हैं।

डॉक्टरों की मानें तो सामान्य पोस्टमॉर्टम और वर्चुअल पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में कोई खास फर्क नहीं होता है। मेडिकल जर्नल में छपे लेखों के मुताबिक वर्चुअल पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट उतनी ही सटीक होती है जितनी सामान्य पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आती है। डॉक्टरों के मुताबिक वर्चुअल ऑटोप्सी सामान्य पोस्टमॉर्टम की तुलना में काफी जल्दी हो जाता है जिसकी वजह से शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जा सकता है।

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WHAT IS VIRTUAL POSTMORTEM ? डॉक्टरों के मुताबिक वर्चुअल पोस्टमॉर्टम असल में एक रेडियोलॉजिकल परीक्षण है जिसके जरिए शरीर में हुई टूटफूट, फ्रेक्चर, शरीर में खून के थक्कों का जमना, और ऐसी गुम चोट का पता लगाया जा सकता है जिन्हें नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं।

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भारत में वर्चुअल ऑटोप्सी साल 2020 में शुरू हुई जब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन में इसके लिए हरी झंडी दी थी। क्योंकि अक्सर लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं की वजह से पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर देते हैं।

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