MP News: बागेश्वर धाम के दरबार में नहीं ले गया पति, दर्शन न होने से नाराज महिला ने किया सुसाइड!
अटूट श्रद्धा एक महिला के लिए घातक साबित हुई. जबलपुर के कंचनपुर इलाके में रहने वाली पल्लवी चौधरी ने केवल इसलिए फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide) कर ली क्योंकि उसका पति उसे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में नहीं ले जा सका.
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Dhirendra Krishna Shastri of Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के प्रति अटूट श्रद्धा एक महिला के लिए घातक साबित हुई. जबलपुर के कंचनपुर इलाके में रहने वाली पल्लवी चौधरी ने केवल इसलिए फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide) कर ली क्योंकि उसका पति उसे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में नहीं ले जा सका.
महिला ने दो मासूम बच्चों को छोड़कर मौत को गले लगा लिया. पल्लवी के जाने के बाद उनके परिवार में मातम पसरा हुआ है. दरअसल संदीप चौधरी अपनी पत्नी, दो बच्चों और मां के साथ अधारताल थाना क्षेत्र के कंचनपुर इलाके में रहते हैं. बुजुर्ग मां को गंभीर बीमारी है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. संदीप अपने दो बच्चों को पढ़ाता है और अपनी बीमार मां का इलाज करवाता है.
संदीप की पत्नी पल्लवी चौधरी बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन प्रतिदिन सुनती थीं और धीरेंद्र शास्त्री जो कुछ भी कहते थे, उसे घर की समस्याओं को समाप्त करने के लिए मानते थे, वह बागेश्वर धाम के महंत की अंधभक्त थीं. 27 मार्च को उसने पति से पनागर में होने वाली भागवत कथा में जाने की जिद की थी, लेकिन उसी दिन संदीप बीमार मां का इलाज कराने अस्पताल ले गया और इलाज नहीं होने के कारण डॉक्टर, उसे देरी हो रही थी. प्रवचन के लिए घर जाने को तैयार पल्लवी ने संदीप की हालत समझे बिना घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. संदीप अब अपने दो बच्चों को लेकर व्याकुल है और समझ नहीं पा रहा है कि वह पल्लवी की आत्महत्या के लिए किसे दोषी ठहराएं.
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घटना के तुरंत बाद पति ने पड़ोस के लोगों के साथ घर का दरवाजा तोड़ा और पल्लवी को फंदे पर लटका देख तत्काल पुलिस को सूचना दी. अधारताल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की
यह घटना बाबा के प्रति अंध भक्ति का परिणाम है. लोग बाबा के चमत्कारों में बेरोजगारी, बीमारी और आर्थिक समस्याओं का समाधान ढूंढ रहे हैं. ऐसा केवल पल्लवी के साथ नहीं है, बल्कि समाज के लाखों व्यथित लोग, जिनका समाज और सरकार से विश्वास उठ गया है, सोचते हैं कि बाबा के चमत्कार से उनकी समस्या दूर हो जाएगी. जब पल्लवी चौधरी भी बाबा से मिलने का चेहरा नहीं देख पाईं तो पल्लवी ने आत्महत्या कर ली.
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