Gangs Of Punjab : ड्रग्स और हथियार के जाल में ऐसे पनप रहा पंजाब, ये रिपोर्ट चौंकाने वाली है

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Gangster in Punjab : पंजाब की सरजमीं पर कभी आतंक का साया. तो कभी ड्रग्स का जाल. अब ड्रग्स और हथियार में उलझे गैंगस्टर का खौफ. जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Mussewala Murder) की हत्या. अब आलम ये है कि पूरे देश की करीब 2 फीसदी आबादी वाले पंजाब में कुल 10 प्रतिशत हथियार (weapons in Punjab) हैं. हथियारों के मामले में ये राज्य देश में दूसरे नंबर पर है. आखिर क्या है पंजाब के गैंग्स और गैग्स ऑफ पंजाब की कहानी. आइए जानते हैं...

वैसे तो देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां गैंग या गैंगस्टर ना हो। लेकिन पंजाब की कहानी सबसे अलग है। यहां हर गैंग की कहानी या हर गैंग का जन्म किसी एक क़त्ल से होता है। लेकिन ख़त्म अगले क़त्ल से नहीं होता। बल्कि क़त्ल का सिलसिला बढ़ता ही रहता है।

पंजाब इस देश का शायद इकलौता ऐसा राज्य है, जहां एक्टिव ज़्यादातर गैंग के ज़्यादातर मेंबर जेल में हैं। लेकिन फिर भी उनका गैंग ख़त्म या बंद नहीं होता। बल्कि जेल से ही चालू रहता है। यूं तो पूरे पंजाब में इस वक़्त छोटे-बड़े कुल मिलाकर क़रीब 70 गैंग एक्टिव हैं। इन 70 गैंग्स में क़रीब 500 मेंबर हैं। इनमें से लगभग 300 जेल में हैं। पर इन 70 गैंग्स में से जो सबसे ज़्यादा कुख्यात, ख़ौफ़नाक और ख़तरनाक हैं, वो ये 8 गैंग हैं।

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  1. लॉरेंस विश्नोई गैंग (Lawerence Bishnoi)

  • जग्गू भगवानपुरिया गैंग (jaggu bhagwanpuria)

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  • गोंडर एंड ब्रदर गैंग (gounder and brothers)

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  • देवेंदर बंबीहा गैंग (davinder bambiha group)

  • सुक्खा काहलवां गैंग (sukha kahlon group)

  • गुरबख़्श सेवेवाला गैंग (gurbaksh sewewala)

  • शेरा ख़ुब्बन गैंग (shera khuban group)

  • सुप्रीत सिंह हैरी छट्टा गैंग (supreet harry chatha)

  • Punjab Gangster Story in Hindi : पंजाब में हाल के सालों में जितने भी गैंगवार हुए या जितने भी जुर्म हुए उनमें सबसे ज़्यादा हाथ इन्हीं आठ गैंग का रहा। कमाल ये है कि इनमें से ज़्यादातर गैंग के सरगना या तो मारे गए या पकड़े गए और फिलहाल जेल में हैं।

    मगर जेल के अंदर से ही इनका गैंग वैसे ही काम कर रहा है, जैसे बाहर रह कर करता था। बल्कि यूं कहा जाए कि कई गैंग के सरगना के जेल जाने के बाद ज़्यादा ताक़तवर हुआ तो ग़लत नहीं होगा। तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई इसकी मिसाल है। लॉरेंस विश्नोई ही वो गैंगस्टर है, जिस पर इस वक़्त सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के इल्ज़ाम लग रहे हैं।

    Viral Video Of Gangster Lawrence Bishnoi : इस वीडियो को जरा एक बार देख लीजिए. इस एक वीडियो और धमकी ने लॉरेंस विश्नोई (Lawrence Bishnoi) को जुर्म की दुनिया में अचानक बड़ा बना दिया था। बड़ा बनने का शौक तो उसे छोटे से ही था। पंजाब के अबोहर में पैदा हुआ लॉरेंस एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल का बेटा है। उसने चंडीगढ़ में डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की। हालांकि बीए फ़र्स्ट ईयर का इम्तेहान तीन कोशिशों के बावजूद पास नहीं कर पाया।

    लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी सोपू (SOPU) का चुनाव भी लड़ा। मगर हार गया। और इसी हार के साथ पहले विजयी छात्र गुट के साथ झगड़ा और फिर जुर्म की दुनिया में क़दम रखना शुरू किया। देखते ही देखते रंगदारी, वसूली, क़त्ल, हाई-वे रॉबरी, किडनैपिंग के मुक़दमे उसके सर चढ़ते गए और हर मुक़दमे के साथ वो बड़ा बनता गया।

    लॉरेंस पर इस वक़्त तीस से ज़्यादा मुक़दमे हैं। लॉरेंस कई बार पुलिस हिरासत से भाग चुका है। पहले वो जोधपुर जेल में बंद था। लेकिन अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में। पिछले सात सालों से लॉरेंस जेल में है। मगर कहते हैं जब से वो जेल में बंद है, तब से वो और ज़्यादा ताक़तवर हो गया है। कहते हैं लॉरेंस विश्नोई के गैंग में 400 से ज़्यादा लोग हैं।

    डीएवी कॉलेज में लॉरेंस का जूनियर हुआ करता था गोल्डी बराड़ (Goldy Brar)। स्टूडेंट पॉलिटिक्स के ज़माने से ही दोनों की दोस्ती हुई। गोल्डी बराड़ ने पंजाब और पंजाब के बाहर कई क़त्ल करवाए। इसमें लॉरेंस विश्नोई ने भी उसकी मदद की। फिर जब पुलिस उसके पीछे पड़ी, तो वो भाग कर कनाडा चला गया।

    लेकिन लॉरेंस के संपर्क में अब भी था। कहते हैं 2015 में जब लॉरेंस पकड़ा गया और जेल गया, तब से ही जेल के बाहर का सारा काम गोल्डी बराड़ को सौंप दिया। कनाडा में बैठा गोल्डी बराड़ इस वक़्त लॉरेंस विश्नोई का सबसे भरोसेमंद और मज़बूत हाथ है।

    जग्गू भगवानपुरिया गैंग (jaggu bhagwanpuria) : अमृतसर और गुरदासपुर में ये गैंग सबसे ज़्यादा एक्टिव है। किडनैपिंग, वसूली, हाई-वे रॉबरी, इस गैंग का ख़ास पेशा है। हालांकि गैंग के चीफ़ जग्गू भगवानपुरिया को 2015 में ही पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। तब से वो जेल में है। लेकिन जेल के बाद उसका साम्राज्य आज भी कायम है। इस गैंग का रिश्ता सुक्खा काहलवां गैंग से भी बेहद क़रीबी है।

    गोंडर एंड ब्रदर गैंग (gounder and brothers) : पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टर में से एक है ये। नाम है विक्की गोंडर। ये वही विक्की गोंडर है, जिसने पंजाब के एक और नामचीन गैंगस्टर सुक्खा काहलवां को पुलिस हिरासत में दिन दहाड़े मार डाला था। इसी गैंग पर पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख को धमकी देने का भी इल्ज़ाम है।

    देवेंदर बंबीहा गैंग (davinder bambiha group) : एक वक़्त था, जब देवेंदर बंबीहा गैंग के नाम से हर गैंगस्टर कांपा करता था। हालांकि 2016 में पुलिस एनकाउंटर में बंबीहा मारा गया। लेकिन इसका गैंग आज भी एक्टिव है। कहते हैं सिद्धू मूसेवाला की देवेंदर बंबीहा से नज़दीकियां थीं। और लॉरेंस विश्नोई देवेंदर का दुश्मन। मूसेवाला ने अपने एक अल्बम का नाम भी बंबीहा रखा था।

    सुक्खा काहलवां गैंग (sukha kahlon group) : पंजाब का ये वो गैंगस्टर था, जिसके सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा फॉलोअर थे। जेल में रहते हुए जेल के अंदर से ना जाने कितने ही फोटो और वीडियो पोस्ट किए। ये कई बार जेल से भागा भी। एक वक़्त था जब इसकी तूती बोला करती थी।

    लेकिन बेहद कम वक़्त में विक्की गोंडर गैंग ने अदालत से जेल लौटते वक़्त बाक़ायदा पुलिस हिरासत में सुक्खा काहलवां को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन उसकी मौत के बावजूद उसका गैंग अब भी एक्टिव है। सोशल मीडिया पर अब भी कई पेज उसके नाम पर हैं।

    गुरबख़्श सेवेवाला गैंग (gurbaksh sewewala) : पंजाब के मालवा, हरियाणा और राजस्थान में क़त्ल, लूट, किडनैपिंग और फिरौती के लिए ये गैंग बदनाम है। इस गैंग का सरगना रंजीत सेवेवाला था। 2015 में वो मारा गया। उसके बाद उसका भाई गुरबख़्श सिंह अब इस गैंग को चला रहा है। कहते हैं देवेंदर बंबीहा की मौत के बाद उस गैंग के ज़्यादातर सदस्य सेवेवाला गैंग में शामिल हो गए। हालांकि ख़ुद गुरबख्श 2017 में पकड़ा गया, लेकिन बाकी गैंग की तरह वो भी जेल से ही अब अपना गैंग चला रहा है।

    शेरा ख़ुब्बन गैंग (shera khuban group) :

    शेरा और ख़ुब्बन। दो सरगना थे इस गैंग के। डकैती, मर्डर, वसूली और हाई-वे पर लूटपाट, इस गैंग का ख़ास काम था। दर्जनों केस इस गैंग के थे। पर बाद में दोनों सरगना मारे गए। हालांकि इस गैंग के बाक़ी बदमाश अब भी इस गैंग को एक्टिव बनाए हुए हैं।

    सुप्रीत सिंह हैरी छट्टा गैंग (supreet harry chatha) : बटाला का सुप्रीत सिंह उर्फ़ छट्टा इस गैंग का लीडर है। ये पंजाब में ख़ास तौर पर माझा और यूपी में एक्टिव है। इस गैंग का दूसरा कुख्यात मेंबर है गोपी घनश्यामपुरिया। ये दोनों ही मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में पंजाब में बहुत ऊपर हैं। कहते हैं नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक में भी इस गैंग का हाथ था।

    पंजाब में गैंग्स के इतिहास को देखते हुए ये तय है कि सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के बाद एक और गैंगवार होगा। इस क़त्ल का बदला लेने के लिए। और ये बाद पंजाब पुलिस को भी अच्छी तरह पता है। पंजाब में इसी गैंगवॉर को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस के अंदर ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट नाम से एक नई टीम बनाई थी। जिसका काम सिर्फ़ और सिर्फ गैंग और गैंगस्टर से ही निपटना था। अब भगवंत मान की नई सरकार ने भी गैंग और गैंगस्टर से निपटने के लिए ख़ास एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया है।

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