SIM Swap Fraud: एक गलती से खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, सिम स्वैप के जरिए 79.70 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी,
Cyber Crime: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने सिम स्वैप के जरिए 79.70 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को पुणे से गिरफ्तार किया है.
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Cyber Crime: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने सिम स्वैप के जरिए 79.70 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को पुणे से गिरफ्तार किया है. आरोपी गौतम मुखर्जी ने सिम स्वैप के जरिए 79.70 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की थी. इस मामले में जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने कई लोगों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है.
एक गलती से खाली हो गया बैंक अकाउंट
30 मई को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके अनुसार विट्रैग फोम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, जिसका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा की हिम्मतनगर शाखा में था। इस खाते में वोडाफोन कंपनी का नंबर दर्ज था। पिन और पासवर्ड स्वैप कर कंपनी के खाते से 79.70 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी कर ली गई.
शिकायत दर्ज होने के बाद जांच में जुटी पुलिस ने झारखंड के गौतम मुखर्जी को पुणे से गिरफ्तार कर लिया है. मूल रूप से झारखंड के रहने वाले गौतम ने पुणे में इनसेडो टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन लिमिटेड की स्थापना की। कंपनी में फ्लोर एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम करते थे.
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साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन के एसीपी जितेंद्र यादव ने कहा, गौतम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता की कंपनी के खाते में पंजीकृत सिम कार्ड का ऑनलाइन सिमस्वैप करने के लिए वोडाफोन कंपनी को फोन किया था और अस्थायी सिम कार्ड बंद करवा दिया था. जिसके बाद उन्होंने कंपनी के बैंक खाते से रांची स्थित अपने एचडीएफसी बैंक खाते में 38 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिये. ये रुपए Wazirx कंपनी में जमा कराए गए और USD खरीदने के लिए ट्रांसफर किए गए. बाकी 41.70 लाख रुपये फर्जी तरीके से ICICI बैंक में ट्रांसफर कर दिए गए.
आरोपी गौतम के बारे में एसीपी यादव ने कहा, आरोपी गौतम ने रांची में बीसीए तक की पढ़ाई की है. जांच के दौरान जानकारी मिली है कि गौतम ने अन्य लोगों के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है, इस संबंध में जांच चल रही है. अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपी के खाते से पैसे फ्रीज करवा दिए. जिसके बाद शिकायतकर्ता आरोपी के खाते से 50 लाख रुपये वापस पाने में सफल रहा.
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ऐसे होता है सिम स्वैप फ्रॉड
जब कोई घोटालेबाज आपके सिम पर नियंत्रण हासिल कर लेता है तो इसे सिम स्वैपिंग कहा जाता है। सिम पर कब्ज़ा करने के बाद हैकर्स आपकी सारी जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं. इसके बाद वे टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करते हैं और उन्हें बताते हैं कि यूजर का सिम कार्ड खो गया है और फिर इस तरह हैकर्स को यूजर का सिम कार्ड मिल जाता है. आपको बता दें कि इसके लिए वे सोशल इंजीनियरिंग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.
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