कहानी उस क्रिप्टोकरेंसी क्वीन की जिसने अमीर बनने का सपना दिखा 30,000 करोड़ ऐसे लूटे!

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कहानी उस क्रिप्टोकरेंसी क्वीन की जिसने अमीर बनने का सपना दिखा 30,000 करोड़ ऐसे लूटे!
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Cryptocurrency fraud: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बुलंदियो के नए शिखर छू रही है. क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट 190 ट्रिलियन रुपये का हो गया है. भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने की घोषणा के बाद इसका बाजार 15 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है. लेकिन आज हम Cryptocurrency के नाम पर हुए सबसे बड़े फ्रॉड की कहानी बताने जा रहे हैं. खुद को क्रिप्टोकरेंसी की महारानी बताने वाली इस महिला ने दुनियाभर के लोगों को सपने दिखाए और 30,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड को अंजाम दिया.

क्या है क्रिप्टो करेंसी? | What is Cryptocurrency?

क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है.

सबसे बड़ी Cryptocurrency बनाने का ख्वाब दिखाया

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मूल रुप से बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेशे से डॉक्टार थीं. बिटक्वॉइन (Bitcoin) की सफलता को देखने के बाद रुजा ने वनक्वॉइन लॉन्च किया था. रुजा का दावा था कि एक समय में वनक्वॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी हो जाएगी और लोग इससे कई गुना मुनाफा कमाएंगे.

अमेरिकी अदालत में चल रही सुनवाई

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अमेरिकी एजेंसियों का कहनी है कि OneCoin कंपनी ने दुनियाभर में करीब 30,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड को अंजाम दिया. इससे जुड़े कुछ मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है. एक केस में फ्लोरिडा के डेविड पाइक ने मंगलवार को मैनहट्टन संघीय अदालत में हुई सुनवाई में बैंक धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में अपना दोष स्वीकार किया.

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अभियोजकों ने कहा कि पाइक ने पूर्व लॉक लॉर्ड एलएलपी अटॉर्नी मार्क स्कॉट को धोखाधड़ी से 400 मिलियन डॉलर की मदद की. जनवरी में सजा सुनाए जाने पर पाइक को पांच साल तक की जेल का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी वनक्वॉइन घोटाला और दुनिया को लुटने वाला क्रिप्टोक्वीन रुजा कौन हैं.

Cryptocurrency OneCoin scam

2016 में वनक्वॉइन को लेकर रुजा इग्नातोवा ने लंदन से लेकर दुबई समेत कई देशों में सेमिनार किए. हर सेमिनार में वह कहती थी कि एक दिन वनक्वॉइन बिटक्वॉइन को पीछे छोड़ देगा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच दुनिया भर के कई देशों से करीब चार अरब यूरो का निवेश वनक्वॉइन में हो चुका था.

रुजा लगातार सेमिनार करती जा रही थीं और निवेश की रफ्तार तेजी से बढ़ रहा था. खास बात है कि लोगों ने केवल रुजा की बातों में आकर निवेश किया, वरना वनक्वॉइन के पास वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ही नहीं थी, जिस पर बिचटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी कम करती हैं. रूजा ने वनक्वॉइन को ब्लॉकचेन से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहीं.

वनक्वॉइन का सबसे छोटा पैकेज 140 यूरो का था और सबसे बड़ा लाख 18 हजार यूरो का. लोगों से एक्सचेंज खोलने का वादा किया गया था, जिससे भविष्य में वह अपने वनक्वॉइन को डॉलर या यूरो में बदल सकेंगे. लोगों को इसका ही इंतजार था, क्योंकि उनके पैस वनक्वॉइन की साइट पर कई गुना बढ़ते ही जा रहे थे.

15 अरब यूरो का फ्रॉड!

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वनक्वॉइन में अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच 4 अरब यूरो से ज्यादा का निवेश हुआ होगा. इस बीच क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक वनक्वॉइन के निवेशकों से जुड़ने लगे और उसकी सच्चाई बताने लगे.

अभी वनक्वॉइन के कई निवेशक सच्चाई नहीं जान पाए थे. इस बीच रुजा अपनी इस कमाई को नई-नई संपत्तियां खरीदने में लगा रही थीं. उन्होंने बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया और काला सागर के किनारे स्थित शहर सोज़ोपोल में लाखों डॉलर की संपत्ति खरीदी. रुजा को अक्टूबर 2017 में लिस्बन में एक कार्यक्रम में आना था.

Cryptocurrency : भारत सरकार की बैन की तैयारी, ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश, क्या इससे सरकार को होगा फायदा ?

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