Cyber Crime: दिल्ली की लड़की ने साइबर ठगों की कर दी बोलती बंद, ऐसे बचाया अपना खाता

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Cyber Crime: दिल्ली की लड़की ने साइबर ठगों की कर दी बोलती बंद, ऐसे बचाया अपना खाता
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Cyber Crime: हम सभी मोबाइल (Mobile) इस्तेमाल करते हैं, और ऐसा शायद ही कोई मोबाइल फोन हो जिस पर साइबर के शातिरों ने घंटी न बजाई हो। यानी हर किसी के पास कभी न कभी कोई न कोई तो ऐसी कॉल (Call) आ ही जाती है जिसका असली मकसद होता है, आपकी जेब या खाते (Account) में डाका डालकर अपना उल्लू सीधा करना।

यानी साइबर के ठग मोबाइल की घंटी बजाकर बातों का ऐसा खूबसूरत जाल बुनते हैं कि अक्सर लोग अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो बैठते हैं। लेकिन दिल्ली में रहने वाली गीतिका ने ऐसे ही एक फोन कॉल पर जो किया, उसे सुनकर आप भी चौकन्ने हो जाएंगे और मुमकिन है कि आप भी गीतिका की तरह स्मार्ट होकर उन शातिरों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे पाएंगे।

दिल्ली की रहने वाली गीतिका रुस्तगी के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई थी। कॉल को सुनते ही गीतिका को समझ में आ गया कि ये साइबर ठगों की शातिर चाल है, लेकिन उन्होंने किसी भी सूरत में जल्दबाजी करके उस कॉल को काटा नहीं बल्कि बड़ी ही समझदारी से उस साइबर ठग से ये बात निकाल ली, कि गीतिका के बारे में उन लोगों के पास कितनी जानकारी है।

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यानी उन्हें ये नंबर कहां से और कैसे मिला, उनके खाते के बारे में वो लोग क्या जानते हैं? उनके मोबाइल के इस्तेमाल के बारे में उनके पास क्या क्या सूचनाएं मौजूद है? और मोबाइल के जरिए गीतिका क्या क्या करती हैं?

यानी गीतिका ने उस कॉल करने वाले साइबर ठग से हर वो बात निकलवा ली जिससे उन्हें कोई छोटा से छोटा भी नुकसान होने की गुंजाइश हो सकती है। और फिर बड़ी ही सफाई से उन्होंने इस कॉल की सारी जानकारी पुलिस के साथ साझा की और न सिर्फ खुद को बचाया बल्कि उस साइबर ठग को भी छटी का दूध याद दिला दिया।

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असल में गीतिका ने खुद अपने ट्वीटर हैंडल पर इस फ्रॉड और उससे बचने के तरीके के बारे में पूरे विस्तार से बताया। हुया यूं कि दो रोज पहले उन्हें वॉटसऐप कॉल मिली। कॉल करने वाले ने खुद को फेडएक्स कस्टमर केयर का एग्जीक्यूटिव बताया और कहा कि उनकी आईडी के साथ एक पैकट उन्हें मिला है जिसमें ग़ैरक़ानूनी चीजें मौजूद हैं।

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उसके बाद उस शख्स ने उन चीजों को गिनवाना शुरू किया जिसे पूरे पैकेट में होने दावा कर रहा था। उसने बताया कि पैकेट में तीन किलो कपड़े, पांच क्रेडिट कार्ड, 11 पासपोर्ट और एक जोड़ी जूते के अलावा 800 ग्राम चरस मौजूद है। उसने ये भी कहा कि ये पैकेट उसकी कोरियर कंपनी के जरिए मुंबई से ताइवान भेजा जा रहा था। जिसे अब रोक दिया गया है।

Cyber Fraud: गीतिका मुंबई और पैकेट की सारी डिटेल सुनकर अच्छी तरह से समझ गईं कि उनके साथ चाल चली जा रही है। क्योंकि गीतिका मुंबई में नहीं रहती हैं, लिहाजा उन्होंने अब अपना दिमाग लगाया और फोन करने वाले से बड़ी ही तसल्ली से बात करती रहीं।

थोड़ी ही देर में कॉल करने वाले ने ये कहकर कॉल बंद कर दी कि अब उससे बात मुंबई के मुंबई के क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर नरेश गुप्ता बैनर्जी करेंगे, और उनकी कॉल को ट्रांसफर कर दिया। गीतिका समझ चुकी थी कि उन्हें फंसाने के लिए ही ये दांव चला गया है।

उस पुलिस के संदिग्ध दारोगा ने ये कहकर गीतिका को जरूर चौंकाया कि वो दिल्ली में रहती हैं, और इतनी जल्दी दिल्ली से मुंबई पहुँचना मुमकिन नहीं इसलिए उनका बयान वॉट्सऐप पर ही दर्ज कर लिया जाएगा।

अब गीतिका ने बड़े ही ध्यान से उन जानकारियों का मिलान किया जो कुछ देर पहले कस्टमरकेयर के एग्जीक्यूटिव बनकर बात कर रहे शख्स ने दी थी। वो सारी की सारी वैसी ही थी। यानी उनके पास गीतिका की कोई खास जानकारी नहीं थी। इसके बाद उस संदिग्ध दारोगा ने गीतिका का बयान दर्ज करने का नाटक किया, जिसे गीतिका ने बखूबी दर्ज भी करा दिया...

इसी बीच गीतिका को ये भी बताया गया कि उनके पास उस वेयरहाउस का सीसीटीवी फुटेज भी है जहां पैकेट को कोरियर करने के लिए डिलीवर किया गया । पैकेट डिलीवर करने वाली एक महिला थी जिसने मास्क पहन रखा था।

यहां तक जब शातिरों की दाल गीतिका के सामने नहीं गली तब उन लोगों ने एक और चाल चली। गीतिका को बताया गया कि उनकी आईडी का इस्तेमाल फर्जी बैंक खातों को खोलने के लिए किया जा रहा है और कोई गेराल्ड इस काम को कर रहा था जिसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।

उस वॉट्सऐप कॉल पर मौजूद पुलिस के दारोगा ने बताया कि गीतिका की आईडी से यस बैंक, SBI, और सिटी बैंक में खाते खोले गए हैं, ऐसे में अब उस शख्स की तस्दीक करने के लिए दो ही रास्ते हैं, या तो गीतिका मुंबई पहुँचे या फिर पुलिस के साथ सहयोग करें।

गीतिका ने तब ये कहकर बात को और आगे जाने दिया कि वो पुलिस के साथ सहयोग करने को तैयार है। अब गीतिका को एक हिदायत दी गई कि उसकी इस बातचीत को किसी के साथ साझा न करे, नहीं तो नुकसान हो जाएगा। इसके बाद गीतिका से पूछा गया कि उसके पास कितने बैंक खाते हैं और उनमें कितनी रकम मौजूद है। गीतिका को बार बार ये भरोसा भी दिलाया जा रहा था कि ये पूरा प्रॉसेस 15-20 मिनट में खत्म हो जाएगा और फिर उसे कोई टेंशन नहीं होगी।

Cyber Crimnal : अब गीतिका से एक और सवाल पूछा गया, कि क्या हाल ही में कोई बड़ी रकम उसके खाते में मिली, या उसने किसी को उसके खाते से कोई बड़ी रकम ट्रांसफर की। गीतिका ने इसका जो जवाब दिया तो उधर से गीतिका से कहा गया कि उनके एग्जीक्यूटिव को अपने खाते से जुड़े पासवर्ड और कोड बता दे, ताकि प्रॉसेस को और तेज किया जा सके...

भरोसा यही दिया जा रहा था कि इससे उसको मुंबई जाने की झंझट से बचने का मौका मिल जाएगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन जब गीतिका ने कहा कि वो खाते की जानकारी किसी से साझा नहीं करेगी, तब उस क्राइम ब्रांच के दारोगा बनकर बोल रहे शख्स ने कहा कि खुद गीतिका अपने खाते से कुछ मिनटों के लिए 95 हजार रुपये की रकम ट्रांसफर कर दे, जो उसे दस मिनट के भीतर वापस लौटा दी जाएगी। ये मामले को सुलझाने का एक प्रॉसेस भर है।

गीतिका ने जब ये कहा कि वो किसी के खाते में पैसों को ट्रांसफर नहीं करेगी तब उस तथाकथित दारोगा ने गीतिका को सारे खाते फ्रीज करने की धमकी देनी शुरू की। फोन पर लगातार धमकियों को सुनने के बाद गीतिका ने तब ये कहते हुए फोन काट दिया कि उन्हें जो कुछ करना है करें, वो अब मुंबई आकर ही बात करेगी।

इतना कहकर गीतिका ने फोन काट दिया। हालांकि कुछ देर बाद ही गीतिका के पास फिर कॉल आई जिसे उसने नहीं उठाया तब उसके वॉट्सऐप मैसेंजर पर एक मैसेज मिला जिसमें लिखा था कि पैसे ट्रांसफर कर दो नहीं तो खातों के साथ साथ फोन भी फ्रीज हो जाएगा और पुलिस की मदद न करने का इल्ज़ाम लेकर थाने की पुलिस भी घर पहुँचेगी। गीतिका ने उस मैसेज को भी नज़रअंदाज किया और पूरी बातचीत के बारे मे साइबर सेल को बता दिया।

साइबर सेल के अफसरों ने गीतिका की बहादुरी की तारीफ की और लोगों को इससे सबक लेने के बारे में कहा। सचमुच गीतिका ने अपनी समझदारी से न सिर्फ साइबर ठगों को उल्लू बनाया बल्कि उनकी धमकी से डरे बगैर अपने खाते की हिफाजत कर ली।

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