पत्नी ने कहा नहीं रखूंगी 'करवा चौथ' का व्रत, तो पति ने मांगा तलाक, हाईकोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला
ताजा मामले में एक पत्नी ने करवा चौथ का व्रत रखने से इनकार कर दिया और यहां तक कि अपने पति को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक को मंजूरी दे दी है.
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Delhi High Court News: पति-पत्नी के बीच का रिश्ता विश्वास की नींव पर बना होता है, लेकिन कई बार कई दिनों तक साथ रहने के बावजूद भी पुरुष और महिला के विचार नहीं मिलते. मामला इतना बढ़ जाता है कि नौबत तलाक तक पहुंच जाती है. दिल्ली उच्च न्यायालय के हालिया फैसलों ने इस मुद्दे को उजागर किया है. ताजा मामले में एक पत्नी ने करवा चौथ का व्रत रखने से इनकार कर दिया और यहां तक कि अपने पति को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक को मंजूरी दे दी है.
क्या था पूरा मामला?
2011 में इस जोड़े ने शादी कर ली. शादी के छह महीने बाद ही वे अलग-अलग रहने लगे. पति ने दावा किया कि उसकी पत्नी ने यह कहते हुए 'करवा चौथ' का व्रत रखने से इनकार कर दिया कि वह किसी अन्य पुरुष को अपना पति मानती है और उसके माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध जबरन शादी रचाई है.
पत्नी ने करवा चौथ का व्रत रखने से भी किया इनकार
अदालत ने कहा कि पति ने अपनी गवाही में कहा कि उसकी पत्नी ने "करवा चौथ" का व्रत रखने से इनकार कर दिया था, और उसने यह विश्वास व्यक्त किया था कि वह किसी अन्य पुरुष को अपना पति मानती थी और उसके माता-पिता ने उसके खिलाफ जबरन उससे शादी की थी.
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"उच्च न्यायालय ने क्या कहा?"
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस साल सितंबर में क्रूरता के आधार पर तलाक की इजाजत देने के फैसले को बरकरार रखा था. इस मामले में, पत्नी ने करवा चौथ अनुष्ठान का पालन करने से इनकार कर दिया था और दिवाली जैसे त्योहारों में भाग लेने से भी इनकार कर दिया था. पीठ में न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पति को फैसले में उल्लिखित क्रूरता के आधार पर तलाक लेने की अनुमति दी गई थी.
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