उत्तर प्रदेश की अदालत ने 1998 के फर्जी मुठभेड़ मामले के सभी 36 आरोपियों को बरी किया

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उत्तर प्रदेश की अदालत ने 1998 के फर्जी मुठभेड़ मामले के सभी 36 आरोपियों को बरी किया
Uttar Pradesh court acquits all 36 accused in 1998 fake encounter case
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UP News: उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने चार लोगों के ‘फर्जी मुठभेड़’ के 25 साल पुराने मामले में 34 पुलिसकर्मियों सहित 36 लोगों को बरी कर दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलोज चन्द्र की अदालत ने शुक्रवार को सभी 36 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) विकास नारायण सिंह ने बताया कि अक्टूबर 1998 में शहर कोतवाली इलाके के सर्रोई स्थित एक पेट्रोल पम्प पर डकैती के लिए धनंजय सिंह (जो इस वक्त जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता हैं) सहित चार लोगों को मार गिराने का दावा किया था।

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हालांकि बाद में यह सामने आया कि मुठभेड़ में धनंजय सिंह जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति मारा गया था। वहीं, उस वक्त 50 हजार रुपये के इनामी धनंजय सिंह ने फरवरी 1999 में अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया था।

इस मुठभेड़ को फ़र्ज़ी बताते हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं दिवंगत अमर सिंह, पूर्व सांसद दिवंगत फूलन देवी, सपा के पूर्व नेता अहमद हसन और भदोही से सपा विधायक ज़ाहिद बेग के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जांच सीबीसीआईडी से कराई थी।

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जांच में मुठभेड़ को फर्जी पाया गया था जिसके बाद तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी अखिलानंद मिश्रा और शहर कोतवाल बाबू राम समेत 34 पुलिसकर्मियों और दो अन्य समेत कुल 36 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

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हालांकि बाद में सभी को जमानत मिल गयी थी।

अपर जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता विकास नारायण सिंह ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल जीवित सभी 26 आरोपियों को संदेह का लाभ देकर शुक्रवार को बरी कर दिया।

उन्होंने बताया कि मुकदमा विचारण के दौरान मामले के 10 अभियुक्त पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है।

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