Mukhtar Ansari : 26 साल पुराने केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना
UP Ghazipur Crime News : गैंगस्टर एक्ट के मामले में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना. 26 साल पुराने केस में हुई ये सजा. गाजीपुर कोर्ट (ghazipur news) का बड़ा फैसला.
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Mukhtar Ansari : यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को 26 साल पुराने केस में सजा सुनाई गई है. 1996 में दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है. इस सजा के साथ मुख्तार अंसारी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है. ये सजा गाजीपुर जिले की गैंगस्टर कोर्ट ने सुनाई है.
1996 में गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मामले मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज हुए थे. इनमें से 2 गाजीपुर, 2 वाराणसी और 1 चंदौली में केस हुआ था. हालांकि, मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी सुरक्षा के मद्देनजर जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ था. कुछ दिन पहले ही इस केस में बहस पूरी हुई थी. जिसके बाद 15 दिसंबर को सजा सुनाई गई. इस केस में 12 दिसंबर को ही 11 गवाहों की गवाही के साथ जिरह पूरी हुई थी. जिसके बाद सजा का ऐलान किया गया.
3 महीने पहले ही जेलर को धमकाने पर मुख्तार अंसारी को 7 साल की जेल हुई थी
Mukhtar Ansari News : करीब 13 साल पहले जेलर को धमकाने के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को हाई कोर्ट (Highcourt Lucknow Bench) लखनऊ बेंच ने 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 37 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. ये सजा 23 अप्रैल 2003 को लखनऊ के तत्कालीन जेलर (Jailer) एसके अवस्थी पर रिवाल्वर तान कर जान से मारने की धमकी देने को लेकर हुई है. हाईकोर्ट ने सरकारी कार्य में बाधा डालने, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था. मुख्तार अंसारी को अलग-अलग 10 केस में काफी पहले गिरफ्तार (Mukhtar Ansari Arrested) कर लिया गया था.
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जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है. बता दें कि मुख्तार अंसारी पर मौजूदा समय में 10 मुकदमों में ट्रायल चल रहा है. इनमें मऊ में एक हत्या का केस भी है. कुल 10 केस में 4 गैंगस्टर के हैं. मुख्तार अंसारी अभी यूपी के बांदा जेल में बंद है. उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 7 अप्रैल 2022 को पंजाब की जेल से यूपी के बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था.
इससे पहले, 21 सितंबर हाई कोर्ट लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया. मामले में साल 2003 में तत्कालीन जेलर एस.के. अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इस केस के अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी.
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साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी. अब उसी मामले में लखनऊ हाई कोर्ट बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
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इससे पहले, जुलाई 2022 में जेल में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे, बीवी और दो सालों को अब भगोड़ा (Absconder) घोषित कर दिया गया है. इससे पहले इन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया था. इन आरोपियों को अब कोर्ट में पेश होने या फिर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी गई है. ये चेतावनी यूपी की मऊ पुलिस (Mau Police) ने जारी की है. अगर ये कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है.
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