Mukhtar Ansari : जेलर को धमकाने में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा

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Mukhtar Ansari : जेलर को धमकाने में मुख्तार अंसारी दोषी करार, हाईकोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा
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लखनऊ से कुमार अभिषेक की रिपोर्ट

Mukhtar Ansari News : उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने के केस में दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दो साल के कारावास की सजा सुनाई है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषसिद्ध करार दिया. ये मामला लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज हुआ था.

यह निर्णय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया. मामले में साल 2003 में तत्कालीन जेलर एस.के. अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इस केस के अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी.

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साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी. अब उसी मामले में लखनऊ हाई कोर्ट बेंच ने ये फैसला सुनाया है.

इससे पहले, जुलाई 2022 में जेल में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे, बीवी और दो सालों को अब भगोड़ा (Absconder) घोषित कर दिया गया है. इससे पहले इन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया था. इन आरोपियों को अब कोर्ट में पेश होने या फिर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी गई है. ये चेतावनी यूपी की मऊ पुलिस (Mau Police) ने जारी की है. अगर ये कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है.

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इस संबंध में मऊ पुलिस ने एक वीडियो भी जारी किया है. यहां के एसपी अविनाश पांडे ने वीडियो में कहा है कि सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया गया है. इन्हें जल्द ही कोर्ट के सामने पेश होना होगा या फिर गिरफ्तारी देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर इनकी कुर्की की जाएगी. इससे पहले, पुलिस की एक टीम इनके गाजीपुर जिला स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.

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RELATED NEWS UPDATE - करीब 13 साल पहले जेलर को धमकाने के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को हाई कोर्ट लखनऊ बेंच ने 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 37 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. 23 अप्रैल 2003 को लखनऊ के तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी पर रिवाल्वर तान कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में ये सजा सुनाई गई है.

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