7 बोरों में सिक्के भरकर कोर्ट पहुंच गया पति! पत्नी ने किया था दहेज का केस, कोर्ट ने कहा पति ही गिनेगा

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7 बोरों में सिक्के भरकर कोर्ट पहुंच गया पति! पत्नी ने किया था दहेज का केस, कोर्ट ने कहा पति ही गिने...
पति द्वारा 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा कराए गए थे
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Jaipur News: जयपुर के फैमिली कोर्ट की एडीजे कोर्ट में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां पत्नी द्वारा पति पर लगाए गए दहेज प्रताड़ना के मामले में जब पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तो न्यायाधीश ने पति को जेल भेजने के साथ ही पत्नी को बचा हुआ 55 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद परिजनों ने पति के जमा कराए रुपये भी दिलवा लिए, लेकिन 55 हजार की राशि देखकर सभी दांत खट्टे करने लगे.

हां, पति ने रुपये जमा किए. पारिवारिक विवाद के कारण भरण-पोषण के बकाया के रूप में 55,000 नकद. अब आप सोच रहे होंगे कि 7 बक्सों में 55 हजार रुपए भी लाने की क्या जरूरत थी. तो बता दें कि पति द्वारा 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा कराए गए थे, जिनका वजन करीब 280 किलो था, इसलिए उन्हें थैलियों में भरकर कोर्ट लाया गया. कट्टो से सिक्कों की खनक सुनाई दी तो हर कोई हैरान रह गया. सभी थैलियों में एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्के भरे हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने सिक्कों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए.

 पति द्वारा 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा कराए गए थे

दरअसल दशरथ कुमावत की शादी 12 साल पहले सीमा कुमावत से हुई थी. लेकिन पिछले पांच साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा है. सीमा ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया है और इसकी सुनवाई चल रही है. लेकिन पति पर 2.25 लाख रुपये भरण-पोषण भत्ता बकाया है. ऐसे में बकाया भुगतान नहीं करने पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से कोर्ट ने बकाया राशि की पहली किस्त के भुगतान के साथ उसे जेल भेज दिया. दशरथ कुमावत के जेल में होने के कारण उनके परिवार को 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा करवा दिए. हालांकि 55 हजार के अलावा अभी भी 1.70 लाख रुपये का भत्ता बाकी है.

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 पति द्वारा 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा कराए गए थे

इधर, सिक्कों में 55 हजार रुपए देने पर पत्नी सीमा कुमावत के अधिवक्ता रामप्रकाश कुमावत का कहना है कि यह उन्हें प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है, जो मानवीय नहीं है. लिहाजा उसी पति की ओर से अधिवक्ता रमन गुप्ता ने 55 हजार रुपये के सिक्के वैध भारतीय मुद्रा बताते हुए राशि स्वीकार करने की गुहार लगाई. इतने सारे सिक्के देखकर कोर्ट ने यह भी कहा कि इस राशि को गिनने में 10 दिन का समय लगेगा. अब इतने सिक्कों की गिनती कैसे और कब करनी है, कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह इन सभी सिक्कों को 1000-1000 रुपये की थैलियों में बनाकर कोर्ट में सिक्कों की गिनती करवाए. सिक्कों की सही गिनती के लिए 26 जून की तिथि भी निर्धारित की गई है.

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