Disha Gangrape Encounter case : दिशा गैंगरेप-मर्डर के आरोपियों का एनकाउंटर फर्जी!
Disha Gangrape Encounter : दिशा गैंगरेप-मर्डर के आरोपियों का एनकाउंटर फर्जी था! Hyderabad Disha Gangrape Encounter: The encounter of accused of Disha gangrape-murder was fake! crime news in hindi
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नई दिल्ली से अनीषा माथुर की रिपोर्ट
Hyderabad Disha gangrape and murder Encounter Fake : हैदराबाद में दिशा गैंगरेप केस के आरोपियों के हुए एनकाउंटर को फर्जी होने का दावा किया गया है. असल में इस एनकाउंटर की एक कमीशन ने जांच की थी. उसी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी है.
उसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिशा रेप केस में चारों आरोपियों का एनकाउंटर फर्जी हुआ था. यानी ये एक फेक एनकाउंटर (Fake Encounter) था.
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ये रिपोर्ट सिरपूरकर कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी है. इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट को एक्शन लेने के लिए कहा है.
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Disha gangrape Case : साल 2019 में हुई दिशा गैंगरेप केस से पूरे देश में सनसनी मच गई थी. तेलंगाना के हैदराबाद में नवंबर 2019 में 27 साल की महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ रेप हुआ था. रेप के बाद दिशा (बदला हुआ नाम) की हत्या कर दी गई थी.
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महिला डॉक्टर का शव शादनगर में एक पुल के नीचे मिली थी. शव की पहचान छुपाने के लिए उसे जला भी दिया गया था. इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने चार लोगों का गिरफ्तार किया था.
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Disha gangrape Murder News update : इसके बाद उन चारों का एनकाउंटर हुआ था. ये एनकाउंटर उस समय हुआ था जब चारों आरोपियों को पुलिस मौके पर क्राइम सीन की पहचान के लिए ले गई थी. उसी समय आरोपी भागने लगे तब पुलिस ने एनकाउंटर किया था. इस घटना के बाद एनकाउंटर करने वाली पुलिस पर फूलों की बारिश की गई थी. लोगों ने इस एनकाउंटर को तत्काल न्याय देने की मिसाल मानी थी.
आयोग ने इस एनकाउंटर को लेकर क्या-क्या सवाल उठाए हैं?
Disha Gangrape murder Encounter was Fake : जस्टिस वीएस सिरपुरकर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुठभेड़ पर कई सवाल उठाए हैं.
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुठभेड़ में मारे गए चार आरोपियों में से तीन नाबालिग थे.
रिपोर्ट में लिखा गया है कि अभियुक्तों पर जानबूझ कर इस तरह गोलियां चलाई हैं ताकि वो मर जाएं.
वहीं, मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों शाइक लाल मधार, मोहम्मद सिराजुद्दीन और कोचेरला रवि के खिलाफ आईपीसी की धारा 302के तहत ट्रायल होना चाहिए था. इनको IPC की धारा- 76 और धारा 300 के अपवाद तीन के तहत कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए. क्योंकि उन्होंने अभियुक्तों के साथ चाल चली और उनके भरोसे के कत्ल किया.
रिपोर्ट के मुताबिक मुठभेड़ में शामिल सभी दस पुलिस अधिकारी वी सुरेंद्र, के नरसिम्हा रेड्डी, शाईक लाल मधार, मोहम्मद सिराजुद्दीन, कोचेरला रवि, के वेंकटेश्वरुलु, एस अरविंद गौड़, डी जानकीराम, आर बालू राठौड़ और डी श्रीकांत के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के साथ 34 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर ट्रायल होना चाहिए. उससे साफ होगा कि इस साझा अपराध में किसकी क्या और कितनी भूमिका रही।
दिशा गैंगरेप मर्डर केस क्या है? (kya Hai Disha Gangrape Murder Case)
हैदराबाद में 27 नवंबर 2019 में ये सनसनीखेज घटना हुई थी. जिसमें महिला वेटनरी डॉक्टर दिशा (बदला हुआ नाम) की गैंगरेप के बाद हत्या की गई थी. दिशा के मर्डर के बाद उसके शव को जला दिया गया था.
इस घटना के बाद 6 दिसंबर 2019 को पुलिस दिशा गैंगरेप-मर्डर के चार आरोपियों मोहम्मद पाशा, नवीन, चिंताकुंता केशावुलु और शिवा को जांच के दौरान घटनास्थल पर क्राइम सीन री-क्रिएट करने के लिए ले गई थी. यहीं से आरोपी भागने लगे थे तभी पुलिस ने एनकाउंटर में चारों को मार गिराया था. इस घटना के 6 दिन बाद 12 दिसंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जाँच के लिए 3 सदस्यीय समिति नियुक्त की थी.
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