Bhima Koregaon case: वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर दी जमानत
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Crime Court News: उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी पी. वरवर राव को चिकित्सकीय आधार पर बुधवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एक पीठ ने पाया कि कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता राव (82) का स्वास्थ्य अभी उतना बेहतर नहीं हुआ है कि उन्हें दी गई अंतरिम जमानत वापस ले ली जाए। राव अभी चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत पर हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि मामले में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है, लेकिन कुछ आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए मौजूदा मामला अदालत के समक्ष नहीं लाया गया है। अदालत ने यह भी पाया कि आरोपमुक्त करने के अभियुक्तों की अर्जियां अब भी विचाराधीन हैं।
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पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (राव) के स्वास्थ्य में अभी इतना सुधार नहीं हुआ है कि उन्हें पहले दी गई जमानत वापस ले ली जाए।’’
अदालत ने कहा, ‘‘परिस्थितियों पर पूरी तरह गौर करने के बाद हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता चिकित्सकीय आधार पर जमानत का हकदार है।’’
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राव ने चिकित्सकीय आधार पर स्थायी जमानत संबंधी उनकी अपील को बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
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गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुणे पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैली और इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं।
मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी।
राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने आठ जनवरी 2018 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
शीर्ष अदालत ने राव को जमानत देते हुए कहा कि वह निचली अदालत की अनुमति के बिना ग्रेटर मुंबई से बाहर न जाएं।
अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता किसी भी तरह से अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग न करें, न ही वह किसी गवाह से संपर्क करें या जांच को किसी भी तरह प्रभावित करने की कोशिश न करें।’’पीठ ने स्पष्ट किया कि राव को जमानत केवल उनके स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है।
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