UP Crime: गाजियाबाद में श्रद्धा जैसा हत्याकांड, ये हैं दोनों साजिशों के एक जैसे दस पहलू

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Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद में पीएचडी के छात्र (Research Scholar) की हत्या (Murder) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हत्या (Murder) के इस केस में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र के राधे श्याम कॉलोनी में रहने वाले अंकित खोकर की हत्या के मामले में पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। इस हत्याकांड में भी दिल्ली के श्रद्धा जैसी दस समानताएं हैं।

  1. श्रद्धा की तरह ही अंकित की हत्या प्री-प्लान की गई।

  • लाश को काटने के लिए आरी और पॉलीबैग खरीदे गए।

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  • अंकित की हत्या भी श्रद्धा की ही तरह घर के अंदर की गई और लाश के टुकड़े किए गए।

  • अंकित की मौत के बाद उसके मोबाइल से दोस्तों को बाकायदा मैसेज भेजे जा रहे थे ताकि ये लगे कि वो जिंदा है। ऐसा ही श्रद्धा हत्याकांड का आरोपी आफताब कर रहा था।

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  • श्रद्धा हत्याकांड के खुलासे में भी दोस्तों की अहम भूमिका रही। अंकित की तलाश भी उसके दोस्तों ने शुरु की थी।

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  • अंकित के केस में भी कातिल को लग रहा था कि उसके माता पिता की मौत हो चुकी है लिहाजा हत्या की जानकारी किसी को नहीं होगी। यही श्रद्धा केस मे भी हुआ था।

  • श्रद्धा की हत्या में लाश के टुकड़ों को अलग अलग फेंका गया और अंकित की हत्या कर लाश के टुकड़ों को अलग अलग इलाके में ठिकाने लगाया गया।

  • अंकित की हत्या में भी कातिल मकान मालिक ने सभी सबूत मिटा दिए।

  • अंकित की ना तो लाश मिली और ना ही लाश का कोई हिस्सा अभी तक मिल सका है।

  • अंकित के मोबाइल को लेकर कातिल का दोस्त हरिद्वार गया और एटीएम से पैसे निकाले ताकि ये लगे कि पैसों का ट्रांजेक्शन अंकित कर रहा है।

  • गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा किया है कि करोड़ों की रकम हड़पने के लिए अंकित की हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद कातिलों ने अंकित की लाश के 3 टुकड़े करके ठिकाने लगा दिया। दरअसल बागपत का रहने वाला अंकित खोकर मोदीनगर की राधे श्याम कालोनी में रहता था। अंकित लखनऊ से पीएचडी भी कर रहा था और यहां अकेला रहा करता था। अंकित के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है।

    जानकारी के मुताबिक बीती 6 अक्टूबर के बाद से अंकित का कोई सुराग नहीं लग रहा था। अंकित के माता पिता तो हैं नहीं लिहाजा अंकित के दोस्त उसके फोन पर कॉल कर रहे थे लेकिन अंकित जवाब नही दे रहा था इसी दौरान दोस्त के पास अंकित का एक मैसेज आया लेकिन वो मैसेज ऐसा था जैसा अंकित अमूमन नहीं लिखा करता था।

    यहीं से अंकित के दोस्तों को शक हुआ और दोस्तों नें 12 दिसंबर को मोदीनगर पुलिस स्टेशन में अंकित की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। जांच के दौरान पुलिस ने अंकित के मोबाइल की लोकेशन व बैंक खातों की जांच की तो पता चला कि गायब होने से पहले अंकित के बैंक अकाउंट से करीब पचास लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।

    पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अंकित ने अपनी एक पैतृक जमीन बेची थी। जिससे उसको एक करोड़ रुपए के करीब मिले थे। अंकित जिस के मकान में रहता था उसके मालिक का नाम उमेश शर्मा है। इसी मकान में अंकित अकेला रहता था। उमेश की पत्नी को अंकित अपनी बहन मानता था। आरोप है कि उमेश ने कई किस्तों में अंकित से 60 लाख रुपए ले लिए थे। आरोप है कि उमेश अंकित की रकम वापस नहीं करना चाहता था लिहाजा उसने अंकित की हत्या की प्लानिंग की।  

    प्लान के मुताबिक अंकित की हत्या अक्टूबर माह में ही कर दी गई थी। साजिश के तहत उमेश ने ना सिर्फ अंकित की हत्या कर दी बल्कि बाजार से आरी व पॉलीथीन लेकर आया। अंकित के शव के तीन टुकड़े करके पॉलीथीन में पैक कर दिया। एक हिस्सा उसने मुजफ्फरनगर के खतौली में नहर में फेंक दिया दूसरे को मसूरी नहर में और लाश के तीसरे हिस्से को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंक दिया।

    हत्या के बाद उमेश ने अंकित के खातों में से 20 लाख रुपए निकाल लिए। जिसके बाद उमेश ने अपने मित्र प्रवेश को अंकित का एटीएम दिया और बाकी पैसे उत्तराखंड से निकालने के लिए कहा था। साथ ही हिदायत दी कि जब वह पैसे निकालने जाए तो अपना मोबाइल लेकर ना जाए बल्कि उसको अंकित का मोबाइल दिया था। उमेश ने कहा था कि अंकित का मोबाइल श्रषिकेश जाकर ऑन करना है। पुलिस ने उमेश और प्रवेश को गिरफ्तार कर लिया है।  

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