Fight Against Terrorism: आतंकवाद के मुद्दे पर चीन लगातार भारत का रास्ता काटता रहा है। फिर चाहें जैश ए मोहम्मद (Jaish E Mohammad) के सरगना मौलान मसूद अजहर (Masood Azhar) का मामला हो या फिर लश्कर ए तोएबा का आका हाफिज सईद। लेकिन एक बार फिर चीन ने भारत की इस बड़ी लड़ाई में अपना अड़ंगा लगाया है। भारत ने कई आतंकी वारदात का मास्टरमाइंड रहा पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को दुनिया की प्रतिबंधित सूची (UN Listing) में डलवाने की मुहिम चला रखी है, लेकिन चीन ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में एक बार फिर अपना दांव चलकर भारत की मुहिम पर पानी फेरने की कोशिश की है।
चीन ने पाकिस्तान के हक़ में अपनी चाल चलते हुए सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत की इस मांग को टेक्निकल होल्ड में डालने का प्रस्ताव किया है। चीन की इस चाल से पाकिस्तान को न सिर्फ राहत की सांस लेने का मौका दे दिया बल्कि आतंक का आका अब्दुल रहमान मक्की को इस लिस्ट में डालने की कोशिश को छह महीने का करारा झटका लगा है।
असल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में पाकिस्तान की पनाह में रह रहे आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को डालने के लिए भारत के साथ साथ अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर चीन ने भांजी मारी है। उसने इस संयुक्त प्रस्ताव को आखिर दौर में ये कहकर बाधित कर दिया कि इसे टेक्निकल होल्ड में रखा जाना चाहिए क्योंकि इस संदर्भ में अभी तफ्तीश करने की ज़रूरत ज्यादा है।
UNSC Listing: ये बात गौर तलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए अमेरिका और भारत ने अल क़ायदा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को इंटरनेशनल आतंकी घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। 16 जून को इस प्रस्ताव पर जब बहस हुई तो चीन को छोड़कर क़रीब करीब सभी सदस्यों ने मक्की का नाम आतंकी पेरिस में जोड़े जाने का समर्थन किया था।
इसी बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकियों की सूची में रखे जाने का प्रस्ताव सभी सदस्यों के बीच पहुँचा दिया। भारत के उच्चाधिकारियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीन का ये फैसला बेहद अफसोसनाक है। भारतीय पक्ष के साथसाथ अमेरिकी पक्ष ने भी इसे न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण बताया बल्कि इसे चीन की चाल भी करार दिया है।
बताया जा रहा है कि भारतीय पक्ष ने कहा है कि चीन ने भारत के खिलाफ़ खड़े होने की अपनी ज़िद में एक आतंकी को संयुक्त राष्ट्र की फेहरिश्त में शामिल होने से बचाने के लिए ही रास्ता रोका है। जबकि भारत और अमेरिका दोनों के ही पास इस आतंकी के ख़िलाफ़ सबूतों की कोई कमी है नहीं। ऐसे में ये कहना लाजमी है कि आतंकवाद के ख़िलाफ इस लड़ाई में चीन ने आतंकवाद का पक्ष लिया है।
India Against Terrorism: ये पहला मौका नहीं है जब चीन ने आतंक और आतंकी देश का साथ दिया है। इससे पहले जैश ए मोहम्मद के मसूद अजहर को इस सूची में जाने से रोकने के लिएही चीन ने टेक्निकल होल्ड जैसे कार्ड का इस्तेमाल किया था।
ये बात जगजाहिर है कि अब्दुल रहमान मक्की लश्कर ए तोएबा का सरगना हाफिज सईद का रिश्तेदार बताया जाता है। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद 15 मई 2019 से नज़रबंद है। जबकि साल 2020 में अब्दुल रहमान मक्की को आतंक को पालने पोसने के इल्ज़ाम में दोषी पाया गया था और उसे पाकिस्तान में ही सज़ा भी सुनाई गईथी। फिलहाल मक्की पाकिस्तान की जेल में बंद है।