Nupur Sharma Case: अमरावती केस में 185 दिन बाद NIA की चार्जशीट, ये 11 लोग हैं आरोपी

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Nupur Sharma Case: भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान को लेकर महाराष्ट्र के अमरावती में हुई केमिस्ट की हत्या (Amravati Case) के मामले में NIA ने मुंबई कोर्ट में चार्जशीट (Chargsheet) दाखिल की है। इस सिलसिले में केंद्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट को तैयार करने में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को पूरे 185 दिनों का समय लगा।

असल में ये घटना 21 जून की रात की है। तब अमरावती में अपने काम से घर लौट रहे केमिस्ट उमेल कोल्हे की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। और चौंकानें वाला पहलू ये है कि हत्या की इस वारदात में शामिल लोगों में वो भी था जिसका उमेश कोल्हे के साथ अच्छा खासा उठना बैठना था।

बाद में पुलिस की तफ्तीश में अमरावती पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA जैसी सख्त धाराएं भी लगाई थीं। जिन आरोपियों के नाम चार्जशीट में दाखिल हैं उनका नाम मदस्सिर अहमद, शाहरूख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान, आतिब राशिद यूसुफ खान, इरफान खान, अब्दुल अरबाज़, मुशफीक अहमद, शेख शकील और शहीम अहमद शामिल हैं।

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Sar Tan Se Juda Case: पुलिस की तफ्तीश में ये बात सामने आई थी कि दवा विक्रेता उमेश कोल्हे ने सोशल मीडिया पर नुपुर शर्मा के उस विवादित बयान का समर्थन कर दिया था जिसको लेकर मुसलमानों में जबरदस्त विरोध था।

पैगंबर को लेकर की गई नुपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद पूरे देश में बवाल हो गया था। जगह जगह विरोध प्रदर्शन के बाद कई कट्टर मुस्लिम संगठनों ने इस मामले में बदला लेने की बात कही थी और उसे सोशल मीडिया के जरिए वायरल भी की थी।

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यह घटना 21 जून 2022 को रात 10 से 10.30 बजे के बीच हुई, जब उमेश अपनी दुकान बंद करके बाइक से घर लौट रहे थे. इस दौरान उमेश का बेटा संकेत और पत्नी वैष्णवी दूसरी बाइक से उनके साथ चल रहे थे।

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NIA Chargsheet: उमेश जैसे ही महिला कॉलेज के गेट के पास पहुंचे, तो बाइक सवार दो लोगों ने पीछे से आकर उमेश का रास्ता रोक दिया. एक युवक बाइक से उतरा और उमेश की गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया और मौके से फरार हो गया. खून से लथपथ उमेश सड़क पर गिर गए. इसके बाद संकेत उसे अस्पताल ले गया जहां उनकी मौत हो गई थी।

ठीक इसी घटना की ही तरह राजस्थान के उदयपुर में भी दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। वो वारदात 28 जून को अंजाम दी गई थी। मगर ये अजीब इत्तेफाक था कि उदयपुर की वारदात पहले सुर्खियों में छा गई थी जबकि अमरावती के दवा विक्रेता की हत्या की खबर वारदात के दस रोज बाद सुर्खियों में आई थी।

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