आपका बच्चा कहीं क्रिमिनल तो नहीं बन रहा? जानें बच्चों में अपराधी बनने के क्या हैं लक्षण और कैसे करें सुधार

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आपका बच्चा कहीं क्रिमिनल तो नहीं बन रहा? जानें बच्चों में अपराधी बनने के क्या हैं लक्षण और कैसे करें सुधार
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Criminal Behavior in Child: पिछले कुछ अरसे से देश में नाबालिगों के हाथों हुए जुर्म के मामलों की बाढ़ सी आ गई है। इन वारदातों (Violent Incidents) में छोटे बच्चे भी शामिल हैं. हाल ही में एक बेहद डरावना मामला सामने आया जिसमें यूपी की राजधानी लखनऊ में एक 16 साल के लड़के ने अपनी मां की हत्या कर दी. पुलिस की पूछताछ में लड़के ने खुद कुबूला की उसकी मां उसे PUBG गेम खेलने से रोकती थी, इसलिए उसने गुस्से में आकर अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक से अपनी मां को सोते वक्त गोली मार दी. बेटे की इस हरकत पर लड़के के पिता ने कहा कि उन्हें पहले ही इस बात का एहसास हो गया था कि उनके बेटे की हरकतें ठीक नहीं हैं और वह पहले से ही काफी गुस्सैल स्वभाव का था. लेकिन अगर समय रहते उसके पिता अपने बच्चे के लक्षणों को समझ लेते तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी. मां-बाप का अपने बच्चे के भविष्य की चिंता करना स्वाभाविक है. हालांकि कोई निश्चित रूप से भविष्यवाणी नहीं कर सकता, लेकिन कुछ प्रारंभिक चेतावनी और संकेत होते हैं जो इस बात का इशारा करते हैं कि आपका बच्चा क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल हो सकता है. इन संकेतों को समय रहते पहचानना आपके बच्चे को सही रास्ते पर लाने के लिए सार्थक कदम हो सकता है.

पहला संकेत- आक्रामक व्यवहार

यदि आपका बच्चा अपनी हरकतों या फिर बोलचाल से दूसरों के प्रति आक्रामकता (Agressive Behaviour) दिखाता है, चाहे वो उसके अपने भाई-बहन हों, सहपाठी (Classmates) हों, या फिर खुद से उम्र में बड़े लोग, तो ये एक चिंता की वजह हो सकता है. इसी तरह, अगर बच्चा बड़ों, खासतौर पर मां-बाप की बात मानने से इन्कार करता हो, घर में उसपर लगाई गई बंदिशों को तोड़ता हो और इज्जत करने के बजाए बड़ों का तिरस्कार करता हो तो ये इशारा है कि उसे अनुशासित (Discipline) किये जाने की जरूरत है. कई बार बच्चों में झूठ बोलना, चोरी करना, या धोखा देने की आदत बन जाती है, ये हरकतें उसे मुश्किल में डाल सकती हैं. इस तरह की हरकतों को अनदेखा करना आने वाले दिनों में बड़ी परेशानियों की वजह बन सकता है.

कम उम्र में ही ड्रग्स, शराब की लत

यदि आपका बच्चा कम उम्र में ही ड्रग्स (Drugs), शराब (Alcohol) या इन जैसे दूसरे मादक पदार्थों (Intoxicants) का इस्तेमाल करने लगता है, तो ये फिक्र की बात हो सकती है. इसके साथ ही, अगर वो ऐसे दोस्तों के साथ वक्त बिताता है जो अपराधियों या आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हैं, तो यह भी एक बड़ा खतरा हो सकता है. इन सभी संकेतों के अलावा, बच्चे में सहानुभूति की कमी, यानी दूसरों की भावनाओं या भलाई की परवाह न करना, उसे अपराध की ओर धकेल सकता है.

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पढ़ाई में मन न लगना

पढ़ाई में मन न लगना भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है. यदि बच्चा लगातार पढ़ाई में पिछड़ रहा है, स्कूल से गायब रहता है, या फिर पढ़ाई लिखाई में उसकी दिलचस्पी कम हो रही है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके साथ ही, अगर बच्चा परिवार में घरेलू हिंसा, या माता-पिता के नशे का शिकार हो रहा है, तो यह उसके मानसिक और भावनात्मक विकास पर गहरा असर डाल सकता है. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे कि डिप्रेशन, चिंता, या अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार न होना भी बच्चे को आपराधिक सोच की ओर ले जा सकता है.

इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो ये करें

यदि आप अपने बच्चे में इन संकेतों को देख रहे हैं, तो समय रहते उपाय करना जरूरी है. सबसे पहले, किसी विशेषज्ञ जैसे कि एक चिकित्सक या काउंसलर से मदद लें. क्लियर बाउंड्री निर्धारित करें ताकि बच्चा अनुशासन (Discipline) के महत्व को समझ सके. बच्चे को पॉजिटिव रिलेशनशिप (Positive Relationship) और आदर्शों (Values) के साथ जोड़ने का प्रयास करें और उसके साथ खुलकर संवाद करें. पढ़ाई और अपने साथियों-स्कूल के दोस्तों के साथ उसकी भागीदारी को बढ़ावा दें. याद रखें, इन संकेतों का मतलब ये नहीं है कि आपका बच्चा अपराधी ही बनेगा, लेकिन इन बातों पर ध्यान देकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इन चिंताओं को समय रहते समझने और मार्गदर्शन देने से आप अपने बच्चे को सकारात्मक (Positive) और कानून का पालन करने वाला (Law Abiding) बना सकते हैं.

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