मुख्तार अंसारी की मौत, बांदा जेल में आया था हार्ट अटैक, पहले लगा था धीमा जहर देने का आरोप

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Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी की मौत की खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मुख्तार अंसारी को बांदा जेल (Banda Jail) में अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

अचानक दिल का दौरा पड़ा

उनके निधन के बाद कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. अचानक उनकी हालत बिगड़ने और उनकी मौत से परिवार सदमे में है. इस दुखद घटना ने उनके समर्थकों को गहरे दुःख में डुबो दिया है. मुख्तार अंसारी की मौत के कारणों की जांच की जा रही है. पिछले कुछ समय से उनकी सेहत को लेकर चिंताजनक खबरें आ रही थीं, जो उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बन गई थी. भारी सुरक्षा के बीच उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत का सच सामने आने के बाद उनके समर्थक और सामाजिक तौर पर उन्हें जानने वाले लोग सदमे में हैं.

बांदा जेल में फिर बेहोश हो गिर पड़ा मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी अपने बैरक में अचानक बेहोश हो गए थे. मुख्तार की ऐसी हालत देखकर जेल प्रशासन में खलबली मच गई. मुख्तार को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. आपको बता दें कि हाल ही में मुख्तार की तबीयत काफी खराब हो गई थी. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. यहां मुख्तार का करीब 14 घंटे तक इलाज चला, जिसके बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया.

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लगाया था धीमा जहर देने का आरोप

मुख्तार अंसारी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें जेल में धीमा जहर दिया गया था. बहुचर्चित एंबुलेंस मामले में 21 मार्च को मुख्तार अंसारी की बाराबंकी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी हुई थी. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दी कि 19 मार्च की रात उन्हें खाने में जहर दे दिया गया, इससे उनकी तबीयत बिगड़ गयी. मुख्तार ने अपनी अर्जी में कहा था कि ऐसा लग रहा है कि उसका दम घुट जाएगा. बहुत घबराहट महसूस हो रही है. कृपया मेरा समुचित इलाज कराने के लिए डॉक्टरों की एक टीम की व्यवस्था करें. 40 दिन पहले भी उसने खाने में जहर मिलाकर देने का आरोप लगाया था.

कौन है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी वो नाम है जिसे देश के बाहुबली नेताओं में गिना जाता है. इसका जन्म यूपी के गाजीपुर जिले में हुआ. उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी कभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे. जबकि उनके पिता एक कम्युनिस्ट नेता थे. इस तरह मुख्तार अंसारी को विरासत में राजनीति मिली. यही वजह है कि कॉलेज में ही पढ़ाई के दौरान राजनीति की शुरुआत की थी.

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कहा जाता है कि 1990 के दशक आते-आते मुख्तार ने जमीन कब्जाने के लिए अपना गैंग बनाना शुरू किया. फिर गाजीपुर जिले और आसपास के इलाकों में कब्जाए जमीनों की लाइन लग गई. मुख्तार नाम का शख्स सुर्खियों में उस समय आया जब पूर्वांचल के डॉन ब्रजेश सिंह से गैंगवॉर शुरू हुई. साल 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए थे.

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