केजरीवाल CM रहते अरेस्ट होने वाले पहले मुख्यमंत्री, गिरफ्तारी से पहले इन 4 नेताओं ने दिया था इस्तीफा
Arvind Kejriwal Arrest live updates: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है.
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Arvind Kejriwal Arrest live updates: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी की एक टीम उन्हें 10वां समन देने के लिए कल उनके आवास पर पहुंची. इसके बाद ईडी के जॉइंट डायरेक्टर ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धारा 50 के तहत केजरीवाल से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद ईडी ने मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की अहम कार्रवाई की. इस बीच आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
केजरीवाल नहीं दिया इस्तीफा
केजरीवाल ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. इसके अलावा दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद भी केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे. भारत में अब तक किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार नहीं किया गया है. यह पहला ऐसा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया है. हालाँकि, इस घटना से पहले, विभिन्न राज्यों के पांच मुख्यमंत्रियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.
गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा
सबसे पहले बात करते हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले की, जिन्होंने 31 जनवरी 2024 को अपना इस्तीफा देने के तुरंत बाद झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. रांची में उनके सरकारी आवास पर ईडी अधिकारियों ने 7 घंटे तक पूछताछ की.
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तलवार लटकने के बावजूद लालू प्रसाद यादव बच गए
मई 1997 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप दायर किया था. उस वक्त लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे. उनकी पार्टी केंद्र में भी सत्ता में थी, लेकिन सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर कर दी थी. चार्जशीट दाखिल होने के बाद लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तारी का डर सताने लगा है. उन्होंने तुरंत अपने उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी. उस समय उनके उत्तराधिकारी की दौड़ में सबसे आगे थे रघुनाथ झा और अली अशरफ फातमी. 1990 में रघुनाथ झा ने लालू को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राम सुंदर दास के खिलाफ वोट किया था. हालांकि, दिल्ली के एक बड़े नेता की सलाह पर लालू ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया. राबड़ी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर जनता दल में फूट पड़ गई. लालू ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बनाई. तब से लालू यादव इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
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जेल जाने से पहले जयललिता ने पनीरसेल्वम को बागडोर सौंपी
2014 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप के कारण अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद जयललिता ने ओ पनीरसेल्वम को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया. जयललिता ने 20 दिन जेल में बिताए और फिर बाहर आ गईं. हालाँकि, मुख्यमंत्री के रूप में उनकी बहाली 237 दिनों के बाद हुई। 2001 में भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल, चुनाव जीतने से पहले ही उन्हें तानसी लैंड डील मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि सजा सुनाए जाने के बाद जयललिता को जमानत मिल गई. जमानत के चलते जयललिता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को फटकार लगाई. इसके बाद सितंबर 2001 में जयललिता ने मुख्यमंत्री पद अपने करीबी ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिया.
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लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर छीनी गई येदियुरप्पा की कुर्सी!
2011 में लोकायुक्त की एक रिपोर्ट के बाद कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की कुर्सी छिन गई थी. दरअसल, कर्नाटक लोकायुक्त ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय अवैध खनन में सक्रिय रूप से शामिल है. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और बीजेपी दबाव में आ गई. बीजेपी आलाकमान ने येदियुरप्पा को दिल्ली बुलाया. उस वक्त नितिन गडकरी पार्टी अध्यक्ष थे. रिपोर्ट के मुताबिक, गडकरी ने येदियुरप्पा से इस्तीफा देने को कहा. इस बीच येदियुरप्पा इस्तीफा देने को तैयार नहीं थे. इस बीच सीबीआई की कार्रवाई तेज होती जा रही थी. बीजेपी आलाकमान ने येदियुरप्पा को हटाने का फैसला किया. येदियुरप्पा भी पार्टी से नाराज हो गए और अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद डीवी सदानंद गौड़ा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया. सीएम की कुर्सी छोड़ने के कुछ दिन बाद येदियुरप्पा को गिरफ्तार कर लिया गया.
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