झारखंड के देवघर में त्रिकुट रोपवे (Ropway) की ट्रालियों में फंसे 29 लोगों का रेस्क्यू अभियान अभी भी चल रहा है.

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रोपवे हादसा 10 अप्रैल यानी रविवार शाम 5 बजे हुआ. उस समय 1000 फीट की ऊंचाई पर ही ट्रालियों में लोग फंस गए.

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इतनी ऊंचाई पर फंसे लोगों को बचाने के लिए NDRF और वायु सेना हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर रही है.

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अभी एक बच्ची को ट्राली से नीचे उतारा गया है. अब तक 19 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. 2 लोगों की मौत हो चुकी है.

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बताया जा रहा है कि ऊपर से नीचे आ रही एक ट्राली की टक्कर नीचे से ऊपर जा रही ट्राली से हो गई. इस वजह से कई ट्रालियां अपनी जगह से हट गईं फिर ये हादसा हो गया.

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कहा जा रहा है कि रोपवे हादसे में फंसे लोग डर खत्म करने के लिए 38 घंटे तक भूखे-प्यासे एक-दूसरे से बात करते रहे.

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सोमवार सुबह करीब 6 बजे सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सेना ने पहले हवाई सर्वे किया गया. केबिन में फंसे लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचाए.

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सेना को रेस्क्यू में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। क्योंकि हेलिकॉप्टर जैसे ही इनके पास जाता है तो तेज हवा से ये हिलने लगती हैं.

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त्रिकुट पहाड़ पर त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद का आश्रम है. यहां हर साल हजारों लोग पिकनिक मनाने और मंदिर में दर्शन करने जाते हैं.

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