Crime News: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की मीडियाकर्मियों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई. वे तब मारे गए जब प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज के पास तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं. हमलावरों ने खुद को मीडियाकर्मी बताया और उन्हें अपराध स्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन में गैंगस्टर को श्रद्धांजलि दी. गौरतलब है कि अतीक ने 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट जीती थी क्योंकि उन्हें समाजवादी पार्टी से टिकट मिला था. उन्होंने 1989 में राजनीति में प्रवेश किया जब उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र जीता.
लोकसभा में अतीक अहमद को क्यों किया गया याद? स्पीकर ने कहा 'श्री' अतीक अहमद...
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश से सांसद रहे अतीक अहमद समेत दो वर्तमान और 11 पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी.
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Why was Atiq Ahmed remembered in the Lok Sabha? The speaker said 'Mr' Ateeq Ahmed
22 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 22 2023 2:10 PM)
Lok Sabha Pays Tribute to Late Atiq Ahmed: संसद मानसून सत्र: संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश से सांसद रहे अतीक अहमद समेत दो वर्तमान और 11 पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी. पूरे सदन ने दो मिनट का मौन भी रखा. यह परंपरा पहले से ही चली आ रही है.
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जिन सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें दो मौजूदा और 11 पूर्व सांसदों के नाम हैं. इनमें से एक नाम गैंगस्टर अतीक अहमद का भी था. उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक को मृतक के ही अपहरण के मामले में दोषी ठहराया गया था. उन पर कई और गंभीर आरोपों में मुकदमा चल रहा है.
संसद में 'श्री' अतीक अहमद
शुक्रवार को संसद में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा गया, ''श्री अतीक अहमद का 15 अप्रैल 2023 को 60 साल की उम्र में निधन हो गया. श्री अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर क्षेत्र से पूर्व सांसद थे। वह रेलवे समिति के सदस्य थे. इसके बाद सदन में मौजूद सभी सांसद खड़े हो गए और मौन रहकर श्रद्धांजलि सभा पूरी की गई.
संसद की ये कैसी परंपरा है?
सांसदों को श्रद्धांजलि देने की ये परंपरा शुरू से चली आ रही है. इसमें सांसदों के पद का सम्मान करना और उन्हें श्रद्धांजलि देना संसद का प्रोटोकॉल है. संसद में किसी भी सत्र के शुरू होने से पहले हाल ही में पारित सभी सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाती है. सदन के अध्यक्ष उन सभी सांसदों के बारे में बताते हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. इसमें स्पीकर अपने संसदीय क्षेत्र, अपने कार्यकाल की अवधि, उनके द्वारा संभाले गए विभागों और अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हैं.
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