मुख्तार अंसारी का चालीसवां टाल क्यों नहीं सकते? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

CHIRAG GOTHI

09 May 2024 (अपडेटेड: May 9 2024 10:32 AM)

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद होने वाले कार्यक्रम में परिवार के साथ अब्बास अंसारी के शामिल होने की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है।

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संजय शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद होने वाले कार्यक्रम में परिवार के साथ अब्बास अंसारी के शामिल होने की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास के वकील से पूछा कि यह कार्यक्रम 4 जून के बाद क्यों नहीं हो सकता? 

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अब 15 मई को सुनवाई

अब्बास के वकील ने कोर्ट से कहा कि वो 15 मई से कस्टडी पेरोल पर गाजीपुर अपने घर जाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने अब्बास अंसारी की इस मांग का किया विरोध। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की दलील सुनने के बाद कहा कि हम भी अब्बास अंसारी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 मई तक टाल दी है। 

28 मार्च को हुई थी मुख्तार की मौत 

पिता मुख्तार अंसारी के चासीवलें में शामिल होने के लिए बेटे अब्बास अंसारी ने अंतरिम जमानत की मांग की थी। हाल ही में मुख्तार अंसारी की फातिहा में शामिल होने के लिए अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दी थी। मुख्तार की मौत 28 मार्च देर रात बांदा जेल में हो गई थी।

इस्लाम धर्म में मौत के चालीस दिन बाद चालीसवें की विशेष मान्यता है। आम तौर पर मौत के चालीस दिन बाद कुरानख्वानी और फातिहा की रस्म होती है। इसके बाद मौजूद लोगों के खाने का इंतजाम किया जाता है। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी। अदालत ने गजल होटल जमीन कब्जे के मामले में अब्बास अंसारी को जमानत दे दी थी। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर मऊ के सदर कोतवाली क्षेत्र के महुआ बाग में केस दर्ज हुआ था। इस केस में अब्बास पर गजल होटल की जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का आरोप लगा था जिसमें अब्बास की मां अफशां अंसारी और भाई उमर भी आरोपी बनाए गए थे। इसके बाद अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।

अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में चार मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ और 506 के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को राहत देते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी। 

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