Rajiv Gandhi assassination convict Ravichandran release: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी रविचंद्रन ने जेल से छूटने के बाद कहा कि उत्तर भारत के लोगों को उन्हें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ितों के रूप में देखना चाहिए. राजीव गांधी हत्याकांड के 6 दोषियों में से एक आरपी रविचंद्रन को 12 तारीख को रिहा कर दिया गया, जिसके बाद रविचंद्रन ने लोगों के सामने अपनी बात रखी.
"हमें पीड़ितों के रूप में देखें, हत्यारों के रूप में नहीं", जेल से रिहा होने के बाद बोले राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी
Rajiv Gandhi assassination convict रिहाई के बाद गांधी परिवार के किसी व्यक्ति से मिलने के सवाल पर नलिनी ने कहा, "ऐसा कोई योजना नहीं है. हां, मेरे पति जाएंगे तो मैं जाऊंगी
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13 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:30 PM)
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मदुरई केंद्रीय कारागार से रिहा होने के बाद एएनआई से बात करते हुए, रविचंद्रन ने कहा,"उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए. समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी है और कौन स्वतंत्रता सेनानी? लेकिन समय हमें निर्दोष मानेगा, भले ही हम आतंकवादी होने का दोष सहन करें."
संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का उपयोग करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 18 मई को पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्होंने 30 साल से अधिक जेल की सजा काट ली थी. शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि उसका पिछला आदेश अन्य सभी दोषियों पर समान रूप से लागू होता है.
राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी. हत्या में उनकी भूमिका के लिए सात दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. इनमें नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, जयकुमार, संथान, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और एजी पेरारिवलन शामिल थे.
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