Murder of blind woman: एक छुपी हुई साजिश, विश्वासघात, 20 लाख का लालच और अंधी महिला की हत्या... इस मर्डर मिस्ट्री में सब कुछ है.... पुलिसवाले ने एक अंधी महिला और उसके बेटे का कत्ल कर दिया... और इस ब्लाइंड डबल मर्डर केस से हर कोई सन्न रह गया... लेकिन एक पुलिसकर्मी रक्षक से भक्षक क्यों बन गया... ऐसा क्या हुआ कि उसे एक अंधी महिला की हत्या करनी पड़ी... शर्ट पर लगे टेलर टैग से हरिद्वार पुलिस ने ऐसे केस सुलझा लिया..
लालची दरोगा ने अंधी मां और बेटे का कत्ल कर डाला, रक्षक से भक्षक बनने की कहानी हैरान कर देगी
Murder of blind woman: एक छुपी हुई साजिश, विश्वासघात, 20 लाख का लालच और अंधी महिला की हत्या... इस मर्डर मिस्ट्री में सब कुछ है....
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Crime Tak
18 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 18 2024 5:15 PM)
ये कहानी ममता नाम की एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है. ममता आंखों से देखने में असमर्थ थी. दृष्टिहीन ममता यूपी से अपनी जमीन बेचकर बेटे नरेंद्र के साथ काम की तलाश में करीब डेढ साल पहले हरिद्वार आ गई थी.
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रोजगार की तालश में हरिद्वार आई
रोजगार की तालश के दौरान ममता पुलिस लाइन में तैनात एक दरोगा और शहजाद नाम के व्यक्ति के संपर्क में आई थी. दरोगा और उसके साथी ने ममता को विश्वास दिलाया कि वह उसकी पूरी देखभाल करेंगे. और कोई परेशानी नहीं आने देंगे, इंस्पेक्टर धीरे-धीरे महिला का विश्वास जीत रहा था, ममता को भी लगा की ये लोग बहुत दयालु लोग हैं.
दरोगा की नजर ममता के घर पर थी जिसे उसने मकान बेचने के लिए विवश किया. ममता दरोगा के झांसे में आकर अपने घर को 20 लाख में सौदा कर डाला. घर के रुपये मिलते ही दरोगा ने अपनी औकता दिखा दी. उसने ममता के साथ उसके बेटे की हत्या की साजिश रच डाली.
20 लाख के लिए की थी मां बेटे की हत्या
दरोगा ने ममता की हत्या के लिए अपने दोस्त के साथ पूरी प्लानिंग कर ली. उसने हत्या के लिए वो वक्त चुना जब ममता ने घर खरीदने वाले आदमी से एडवांस में एक लाख रुपये ले चुकी थी. 09 फरवरी को प्लान के मुताबिक हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए वह वक्त चुना. इसके बाद दरोगा की ममता से मिलता है और अपनी अल्टो कार में बैठा लेता है. मौका पाते ही दरोगा और उसके दोस्त ने ममता व उसके बेटे का कार में ही गला घोंट देता है.
पूरी प्लानिंग के साथ मां-बेटे की हत्या के बाद दरोगा और उसके दोस्त ने दोनों शवों को लावारिस हालत में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था, ताकि लोगों को घटना के बारे में पता न चल सके. दरोगा को लगता है उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा. कुछ दिन बाद दो शव मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. शुरुआत में शवों के बीच संबंध का पता नहीं चल सका.
इस तरह पुलिस को बड़ी लीड मिली
ममता के बेटे की शर्ट पर लगे टेलर के टैग की जांच के दौरान पुलिस की जांच टीम को बड़ी लीड मिली है. टैग के आधार पर ही पुलिस टीम दर्जी की दुकान और फिर घर तक पहुंची. घर पहुंचने पर पता चला कि मृतक की मां ने एक साल पहले उस व्यक्ति को घर बेच दिया था. ममता ने बीते वर्ष के दिसंबर में मकान की रजिस्ट्री 20 लाख रुपए में कर कुछ दिन पहले ही नए मकान मालिक को कब्जा दे दिया था. कब्जा देने के बाद कुछ अन्य लोगों के साथ वहां से चली गई थी. नए मकान मालिक से मिले मोबाइल नंबर के आधार पर मृतक की मां की तलाश की गई और पड़ताल की गई तो सारा मामला धीरे-धीरे खुलकर पूरी तरह से सामने आ गया. पुलिस ने कॉल डिटेल्स निकाला. इसके बाद जब पुलिस ने कड़ी मशक्कत की तो डबल मर्डर का खुलासा हो गया और दरोगा ही कातिल निकला.
महिला के पैसों से खरीदी थी ऑल्टो
आरोपी दरोगा और उसके साथी ने ममता का घर बेच दिया था और उससे मिले पैसों से एक ऑल्टो कार भी खरीदी थी. पुलिस ने कार और बंटवारे के पैसे से खरीदी गई अन्य वस्तुओं के बीच संबंध ढूंढकर घटना का खुलासा किया. पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
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