CDS बिपिन रावत की मौत की पुष्टि, जानें उनकी जिंदगी के बारे में सबकुछ, सेना में भर्ती से लेकर CDS तक का सफर

PRIVESH PANDEY

08 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:10 PM)

Bipin Rawat Biography: बिपिन रावत की मौत की पुष्टि, जिंदगी के बारे में सबकुछ, जानें कैस हुई उनकी सैना में ऐंट्री से लेकर CDS तक का सफर Read More Bipin Rawat realted news on crime tak website

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Bipin Rawat : हेलिकॉप्टर हादसे में बिपिन रावत की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इस बारे में सेना की तरफ से ट्वीट करके जानकारी दी गई. बिपिन रावत को देश का पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त हुए. बिपिन रावत, 31 दिसंबर को सेना प्रमुख की पोस्ट से रिटायर हो गए थे. जिसके बाद वह भारत के सीडीएस (CDS) नियुक्त हुए.

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बिपिन रावत की जिंदगी के बारे में सबकुछ!

बिपिन रावत की सेना में एंट्री 1978 के दिसंबर में हुई थी. आइए तब से लेकर अब तक का उनके सफर और जिंदगी के बारे में आपको बताते हैं.

2016 में आर्मी चीफ बने थे बिपिन रावत

सीडीएस बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) थे. आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था.

बिपिन रावत की ऐसे हुई सेना में एंट्री

बिपिन रावत के पिता भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे. बिपिन रावत की पढ़ाई लिखाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई थी. 1978 में उन्होंने मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन कर उन्होंने स्वोर्ड ऑफ ऑनर हासिल किया. 1978 के दिसंबर में बिपिन रावत की सेना में एंट्री हुई और उनको गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में जगह मिली.

सेना में शामिल होने के बाद आर्मी चीफ तक का सफर

बिपिन रावत सेना में शामिल होने के बाद अनेक पदों पर रहे, इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में भी उनकी तैनाती हुई. निचे दिऐ गऐ जैसे कई पदों पर वह सेना में रहे थे.

1) मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में वे जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 रहे थे.

2) लॉजिस्टिक स्टाफ ऑफिसर, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी, डिप्यूटी मिलिट्री सेक्रेटरी

3) जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर

ऊंची चोटियों के युद्ध ऑपरेशन में महारत

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को ऊंची चोटियों की लड़ाई में महारत हासिल है और आतंकवाद व उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उन्होंने कई ऑपरेशन चलाए हैं.

बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ माना जाता है और इस क्षेत्र में उनको अच्छा-खासा लंबा अनुभव है.

नॉर्थ ईस्ट में चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल पर उन्होंने एक इंफैंट्री बटालियन को कमांड किया. कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर रहे.

कांगो में पीसकीपिंग फोर्स में भारतीय ब्रिगेड के चीफ

2008 में कांगो में वे यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन में इंडियन ब्रिगेड के चीफ रहे. वहां उनको अपनी लीडरशिप के लिए काफी सराहना मिली.

डिफेंस में बिपिन रावत ने विदेश से डिग्री भी हासिल की है. अमेरिका में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली.

अपने करियर में बिपिन रावत को मिले कई अवार्ड

1) बहादुरी के लिए कई सेवा मेडल और अवार्ड मिले हैं.

2) यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करते हुए भी उनको दो बार फोर्स कमांडक कमेंडेशऩ का अवार्ड दिया गया.

राष्ट्रीय सुरक्षा पर कई लेख लिख चुके हैं बिपिन रावत

बिपिन रावत सुरक्षा मामलों पर लिखते भी रहे हैं और उनके आलेख देश के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं. मिलिट्री मीडिया स्ट्रेटजी स्टडीज में रिसर्च भी पूरा किया है. 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने उनको पीएचडी की उपाधि दी.

बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका सोशल वर्कर हैं

नए आर्मी चीफ बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट हैं. मधुलिका सोशल वर्कर हैं और खासकर कैंसर के मरीजों के लिए काम कर रही हैं.

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