Northeast Express Derails : बक्सर में हुए नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के पीछे साजिश की बू महसूस की जा रही है। अब तक की जांच में ये बात निकलकर सामने आई है कि नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन असल में अचानक हुए किसी हादसे का शिकार नहीं हुई बल्कि जानबूझकर साजिशन उसे पटरी से उतारकर एक बड़ी वारदात करने की प्लानिंग थी। क्योंकि शुरुआती तफ्तीश में ये खुल गया है कि पटरी से छेड़खानी हुई है। हालांकि रेलवे के तमाम अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
North East Express Train Accident: हादसे की जगह मिले गहरी साजिश के सुराग, टूटी मिली पटरियों पर फुल स्पीड से दौड़ रही थी ट्रेन
12 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 12 2023 8:55 AM)
Bihar train Accident: बिहार में बक्सर के पास 11 अक्टूबर की रात हुए ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर खुलासा हो रहा है कि इस हादसे के पीछे असल में एक गहरी साजिश के सुराग मिले हैं।
ADVERTISEMENT
बक्सर के पास रात 9 बजकर 36 मिनट पर हादसे का शिकार हुई ट्रेन
ADVERTISEMENT
टूटी मिली है पटरियां
दिल्ली से आनंद विहार टर्मिनल से कामाख्या जाने वाली नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के बिहार के बक्सर के पास हादसे का शिकार होने के बाद रेलवे ने जब जांच का सिलसिला शुरू किया तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। रेलवे के तमाम तकनीकि और प्रशासनिक अधिकारी इस हादसे की जांच में जुट गए। और जब जांच शुरू हुई तो रेल की पटरी को कई जगह उखड़ा हुआ देखा गया। कई जगह पटरी टूटी मिली। जिसने इस आशंका को बल दे दिया कि हो न हो पटरी के साथ छेड़खानी की गई है। हालांकि अधिकारियों ने जुबान सिल रखी है। और वो ये बताने से बच रहे हैं कि पटरियों के टूटने से हादसा हुआ या फिर हादसे के बाद पटरियां टूटी हैं।
अधिकारी चुप हैं
फिलहाल तो अभी इसी बात की जांच की जा रही है कि वो कौन सी ऐसी तकनीकि खामी थी जिसने एक रेल का रास्ता यूं रोका। अधिकारी ये पता लगाने में जुटे हैं कि पटरी पर कुछ ऐसा अवरोध था या फिर पटरी के टूट जाने की वजह से ट्रेन हादसे का शिकार हुई। इस हादसे में चार लोगों की मौत और 60 लोगों के अब तक घायल होने की खबर है।
हादसे के समय ट्रेन की स्पीड
अब तक की जांच में ये पता चला है कि बक्सर से चलने के ठीक 9 मिनट बाद नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई। जिस वक़्त ये हादसा हुआ उस समय ट्रेन की रफ्तार 110 से 120 किमी प्रति घंटा का रफ्तार थी। गाड़ी की रफ्तार तेज होने की वजह से एक दो बोगियों को छोड़कर ट्रेन की बागी बोगियां आड़ी तिरछी पटरी पर गिर गईं।
गनीमत थी कोई और ट्रेन नहीं आई
गनीमत तो यही थी कि उस वक़्त अप लाइन पर किसी भी दूसरी ट्रेन के आने का टाइम नहीं था। नहीं तो शायद ये हादसा और भी भयानक हो जाता। और रघुनाथपुर के पास बालासोर जैसे हादसे की तस्वीरें नज़र आ सकती थीं। हादसे के बाद ड्राइवर और गार्ड ने सतर्कता दिखाते हुए कंट्रोल रूम को इत्तेला दी जिससे डाउन और अप दोनों ही लाइनों को फौरन बंद कर दिया गया। जांच करने वाले अफसरों ने पाया कि काफी दूर तक पटरियां टूटी हुई हैं। सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मौके पर रेल प्रशासन, जिला प्रशासन और स्थानीय लोग राहत और बचाव के काम में लगे हुए हैं। फिलहाल पूरा फोकस राहत और बचाव के काम में ही है। ट्रेन बक्सर से रात को 9 बजकर 27 मिनट पर रवाना हुई थी और हादसा 9 बजकर 36 मिनट पर हुआ।
ADVERTISEMENT