पुलिसवाले का नर्स से अफेयर, शादी के लिए कहा तो चेहरा कूचकर कुएं में फेंका, वर्दी पहनकर शव को 230 किमी दूर ले गया

Kanpur Nurse Murder: हत्या के बाद मनोज ने वर्दी पहनी और 230 किलोमीटर दूर एटा पहुंच गया. वहां उसने शालिनी के शव का चेहरा क्षत-विक्षत कर कुएं में फेंक दिया. इसके बाद वह कानपुर लौट आये और अपना काम शुरू कर दिया.

CrimeTak

19 May 2024 (अपडेटेड: May 19 2024 12:19 PM)

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Kanpur News: कानपुर पुलिस के हेड कांस्टेबल मनोज ने नर्स शालिनी तिवारी की हत्या कर दी थी. मनोज का शालिनी से अफेयर चल रहा था और शालिनी उस पर शादी करने का दबाव बना रही थी. मनोज पहले से शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी थे. वह शालिनी से छुटकारा पाना चाहता था, इसलिए उसने अपने दोस्त राहुल के साथ मिलकर शालिनी का अपहरण कर लिया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.

वर्दी में कार से 230 किमी दूर लाश ले गया

हत्या के बाद मनोज ने वर्दी पहनी और 230 किलोमीटर दूर एटा पहुंच गया. वहां उसने शालिनी के शव का चेहरा क्षत-विक्षत कर कुएं में फेंक दिया. इसके बाद वह कानपुर लौट आये और अपना काम शुरू कर दिया. पुलिस को गुमराह करने के लिए उस ने अपने दोस्त राहुल के जरिए शालिनी का मोबाइल फोन अयोध्या भेज कर उसे चालू करा लिया. ताकि पुलिस को लगे कि शालिनी अयोध्या में है और वे वहां उसकी तलाश शुरू कर दें. तीन माह दस दिन बाद पुलिस ने मनोज और राहुल को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया. शालिनी की कॉल डिटेल के जरिए पुलिस मनोज तक पहुंची.

नर्स की हत्या कर नौकरी करता रहा कॉन्स्टेबल

डीसीपी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि मनोज कुमार पहले बर्रा थाने में तैनात थे. वह मूल रूप से एटा के मोहल्ला गांधीनगर जैथरा का रहने वाला है. दो-तीन साल पहले बर्रा थाने में तैनाती के दौरान उसकी जान-पहचान नर्स शालिनी तिवारी से हुई. धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और शालिनी ने मनोज पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके चलते मनोज ने उसकी हत्या की योजना बनाई.

 8 फरवरी को मनोज ने शालिनी को अपने घर के पास बुलाया. इस दौरान राहुल भी था, दोनों ने शालिनी को जबरदस्ती कार में डाला और हाईवे की ओर ले गए. वहां एक सुनसान जगह पर मनोज ने कार में ही गमछे से शालिनी का गला घोंट दिया.

गुमराह करने के लिए रची साजिश

हत्या के बाद शाम को मनोज और राहुल कार से एटा के लिए रवाना हो गए. वहां रात में शव को कुएं में फेंक दिया और उसी रात मनोज पुलिस लाइन लौट आया. राहुल को शालिनी के मोबाइल के साथ अयोध्या भेजा गया. रास्ते में किसी भी तरह की चेकिंग से बचने के लिए मनोज ने वर्दी पहन रखी थी. इसके बाद पुलिस ने शालिनी का शव कुएं से बरामद किया और जैथरा थाने में मामला दर्ज किया गया.

शालिनी अपने परिवार से अलग रहती थी और हर दूसरे-तीसरे दिन अपने परिवार से फोन पर बात करती थी. 8 फरवरी के बाद जब शालिनी की अपने परिजनों से बात नहीं हो पाई तो वे अस्पताल पहुंचे. वहां पता चला कि शालिनी पिछले 8-10 दिनों से अस्पताल नहीं आई हैं. इसके बाद परिजनों ने थाने में लिखित शिकायत दी.

पुलिस ने शालिनी की तलाश के लिए एक टीम बनाई, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और थाने की फोर्स ने मिलकर काम किया. पहचान के लिए आसपास के जिलों में फोटो भेजे गए. इधर, कानपुर की सर्विलांस पुलिस शालिनी के मोबाइल की लोकेशन कानपुर से एटा और फिर अयोध्या बता रही थी. फिर पुलिस ने शालिनी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली. इसमें सामने आया कि हेड कांस्टेबल मनोज कुमार से कॉल पर सबसे ज्यादा बातचीत होती थी. शनिवार को पुलिस ने मनोज को उठाया तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली. इसके बाद पुलिस ने राहुल को भी गिरफ्तार कर लिया. शाम को दोनों को जेल भेज दिया गया.

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