Lady Don: आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद क्यों अनुराधा 7 लाख के इनामी बदमाश के साथ रहने लगी

PRIVESH PANDEY

06 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 6 2024 12:31 PM)

Lady Don Story: अनुराधा को साल 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार किया

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Lady Don Story: अनुराधा को साल 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार किया. वह जठेड़ी के साथ 9 महीने से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी और पूरे गैंग को ऑपरेट कर रही थी. जठेड़ी पर हरियाणा पुलिस ने 7 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. इससे पहले लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का नाम राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल से जुड़ा था. कई डिग्रियां हासिल कर चुकी अनुराधा को आनंदपाल ने शार्प शूटर बनाया था. वह अपहरण में माहिर थी. आनंदपाल को पुलिस हिरासत से छुड़ाने में भी उसकी भूमिका सामने आई थी.

सीकर की रहने वाली लेडी डॉन अनुराधा का परिवार का नाम मिंटू है
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राजस्थान में डर का सहारा

आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद अनुराधा राजस्थान में अपना खौफ कायम रखना चाहती थी. इसके लिए उसने सबसे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस की मदद ली. लॉरेंस ने ही अनुराधा को काला जत्थेदी से मिलवाया था. कुछ ही महीनों में अनुराधा जठेड़ी के पूरे गैंग को ऑपरेट करने लगी और दिल्ली में बैठकर राजस्थान में अपना नेटवर्क चलाती थी. कालू जठेड़ी दिल्ली का कुख्यात अपराधी है.
लेडी डॉन अनुराधा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार किया था.

लेडी डॉन अनुराधा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार किया था.

अनुराधा के राजस्थान की कुख्यात लेडी डॉन बनने की कहानी अलग है. उसने शेयर बाजार के कारोबार से अपराध की दुनिया में कदम रखा. वह गैंगस्टर आनंदपाल की मदद से लेडी डॉन बनी थी. कहा जाता है कि वह एके-47 चलाने में बड़ी एक्सपर्ट थी. इसके अलावा अपहरण कांड का मास्टरमाइंड मो. राजस्थान में भी उसके खिलाफ हत्या और अपहरण के 12 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. इनमें लूट, अपहरण, रंगदारी समेत कई गंभीर अपराध शामिल हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर मामले अपहरण के हैं.

सीकर की रहने वाली अनुराधा का परिवार का नाम मिंटू है. बचपन में ही मां की मौत के बाद मिंटू (अनुराधा) के पास सिर्फ पिता का साया बचा था. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पिता कमाने के लिए बाहर चले गये. अनुराधा पढ़ाई में तेज थी. उन्होंने बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री ली थी. सामान्य नौकरी उनकी महत्वाकांक्षा नहीं थी. शादी के बाद अनुराधा और उनके पति फेलिक्स दीपक मिंज ने सीकर में शेयर ट्रेडिंग शुरू की. दोनों ने मिलकर लोगों से ट्रेडिंग में लाखों रुपये निवेश करवाए। अचानक उनका कारोबार चौपट हो गया और उन पर करोड़ों का कर्ज हो गया. कर्ज को खत्म करने के लिए उसने अपराध का रास्ता चुना. उन्होंने अपने पति को भी छोड़ दिया.
 

बानूड़ा के जरिए आनंदपाल के संपर्क में आया

कारोबार में घाटे के बाद जब उस पर कर्जदारों को पैसे लौटाने का दबाव पड़ा तो वह हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा के जरिए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के संपर्क में आई. बताया जाता है कि अनुराधा ने आनंदपाल का खास पहनावा बदल दिया था. यहां तक कि उन्हें अंग्रेजी बोलना भी सिखाया. बदले में आनंदपाल ने अनुराधा को एके-47 चलाना सिखाया.


लॉरेंस ने लेडी डॉन अनुराधा की मदद की

लेडी डॉन अनुराधा देशभर में खौफ और आतंक का पर्याय बन चुके राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल की गर्लफ्रेंड थी. वह काफी समय से राजस्थान पुलिस की हिरासत से फरार चल रही थी. फरारी के दौरान अनुराधा की मुलाकात लॉरेंस विश्नोई की मदद से काला जठेड़ी से हुई. इसके बाद वह उसके पूरे गैंग को ऑपरेट करने लगी. उसने अवैध हथियारों की हेराफेरी में आनंदपाल की मदद की थी.


दिल्ली-एनसीआर में भी दबदबा


कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी पर दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी कई मामले दर्ज हैं. लॉरेंस को इस गिरोह का सरगना भी माना जाता है. लॉरेंस ने ही अनुराधा को काला जत्थेदी से मिलवाया था. इसके बाद जत्थेदी का अनुराधा पर भरोसा इतना बढ़ गया कि वह उसके पूरे गैंग को संचालित करती थी. लॉरेंस बिश्नोई गैंग को पहले थाईलैंड का राजू बसौदी चला रहा था. हरियाणा एसटीएफ ने उसे वहां से डिपोर्ट कर गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले बिश्नोई भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. इसके बाद काला जठेड़ी बिश्नोई गैंग का संचालन कर रहा था. बिश्नोई गिरोह रंगदारी, फिरौती, डकैती और हत्या की वारदातों को अंजाम देता है.

लेडी डॉन टैग से कोई समस्या नहीं

लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का कहना है कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. वह न्याय की गुहार लेकर अधिकारियों के पास गई लेकिन न्याय देने की बजाय उसे झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया. इसी वजह से वह अपराध की दलदल में आगे बढ़ती चली गई. अपने बचाव के लिए ही वह कुछ गैंगस्टरों के संपर्क में आई. गैंगस्टर के साथ उनका नाम जुड़ने के बाद मीडिया ने उन्हें लेडी डॉन का नाम दे दिया। अनुराधा ने कहा कि उन्हें लेडी डॉन टैग से कोई दिक्कत नहीं है. दिक्कत तब होती है जब मीडिया उसे गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड कहता है. अगर उसे पुलिस से सुरक्षा मिलती तो वह अपराध की दुनिया में कदम नहीं रखती.
 

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