Pakistan : पाकिस्तानी सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकवादी का शव स्वीकार किया

PTI

05 Sep 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:26 PM)

Pakistan Crime news : पाकिस्तानी सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकवादी का शव स्वीकार किया

CrimeTak
follow google news

Jammu Kashmir News : पाकिस्तान ने दो दशक से अधिक समय में पहली बार सोमवार को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रशिक्षित आतंकवादी का शव स्वीकार किया, जिसने सेना की एक चौकी पर हमले के लिए जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की थी।

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कोटली के सब्जकोट गांव के रहने वाले तबाकर हुसैन (32) की दो दिन पहले राजौरी जिले में सेना के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी।

यह भी पढ़ें...

अधिकारियों के अनुसार पिछले महीने सीमापार से इस तरफ घुसपैठ की कोशिश के दौरान गोली लगने से वह घायल हो गया था और अस्पताल में उसकी सर्जरी हुई थी तथा सेना के जवानों ने उसकी जान बचाने के लिए खून भी दिया था।

सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर चाकन दा बाग सीमापार बिंदु पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुसैन का शव पाकिस्तान को सौंपा।’’

उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक से अधिक समय में संभवत: यह पहली घटना है जिसमें पाकिस्तान ने एक आतंकवादी के शव को स्वीकार किया है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त उसके नागरिकों के शव लेने से इनकार करता रहा है।

लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित गाइड और पाकिस्तानी सेना के एजेंट हुसैन ने 21 अगस्त को राजौरी के नौशेरा क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी, तभी वह भारतीय सैनिकों की गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया।

उसे बाद में सैन्य अस्पताल राजौरी में भर्ती कराया गया जहां उसकी सर्जरी हुई। सैनिकों ने उसकी जान बचाने के लिए तीन यूनिट खून भी दिया। हालांकि तीन सितंबर को उसे दिल का दौरा पड़ा।

अधिकारी ने कहा कि रविवार को मृत आतंकी का पोस्टमॉर्टम करने समेत सभी अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गयीं और इसके बाद शव वापस करने के लिए पाकिस्तान की सेना से संपर्क किया गया।

सेना की 80 इन्फेन्ट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर कपिल राणा ने 24 अगस्त को कहा था कि हुसैन ने दो अन्य लोगों के साथ भारतीय सेना की चौकी पर हमले की अपनी साजिश कबूल की थी। हालांकि नौशेरा क्षेत्र में एलओसी पर रोके जाने पर वे लौट गये थे।

ब्रिगेडियर ने कहा था, ‘‘ज्यादा पूछताछ पर आतंकवादी ने भारतीय सेना की चौकी पर हमले की अपनी साजिश को कबूल किया था। हुसैन ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्नल यूनुस चौधरी ने उसे भेजा था और 30,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) दिये थे।’’ हुसैन ने लंबे समय से आतंकवाद से जुड़े होने की बात कबूल की और बताया कि पाकिस्तानी सेना के मेजर रज्जाक ने उसे प्रशिक्षण दिया है।

    follow google newsfollow whatsapp