वैक्सीन सर्टिफिकेट से PM मोदी की फोटो हटाने की मांग पड़ी महंगी, कोर्ट ने ठोंका 1 लाख का जुर्माना

PRIVESH PANDEY

21 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)

Kerala High Court: वैक्सीन सर्टिफिकेट से PM मोदी की फोटो हटाने की मांग पड़ी महंगी, कोर्ट ​ने ठोंका 1 लाख का जुर्मान Read More latest crime related news on crime tak

CrimeTak
follow google news

Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया है जहां पर मांग की गई थी कि कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (VACCINE CERTIFICATE) से पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की फोटो को हटाया जाए. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी याचिका सिर्फ फेम लेने के लिए दायर की गई थी, इसका लोगों की भलाई से कोई लेना देना नहीं है.

वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो पर बड़ा फैसला

यह भी पढ़ें...

कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना भी लगा दिया है. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि ऐसी याचिका दायर करने की कोई जरूरत नहीं थी. कोर्ट के मुताबिक सिर्फ फेम कमाने के लिए इसे दायर किया गया था. आदेश में साफ कहा गया है कि अगले 6 महीने के अंदर याचिकाकर्ता को एक लाख जुर्माना जमा करवाना होगा.

वैसे इससे पहले भी केरल हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सवाल उठा दिए थे. तब भी कहा गया था कि देश के प्रधानमंत्री की फोटो अगर वैक्सीन सर्टिफिकेट पर है, इसमें शर्म की क्या बात है. अब आज फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने उस याचिका को ही खारिज कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि अदालत के पास अभी कई जरूरी मामले हैं, ऐसे में ऐसी याचिकाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता.

याचिकाकर्ता को फटकार

जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट में ये याचिका दायर करने वाले शख्स Peter Myaliparambil थे. वे कोट्टायम जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने याचिका में कहा था कि जब लोग वैक्सीन लगाने के पैसे दे रहे हैं और वे ये टीका भी निजी अस्पतालों में लगवा रहे हैं, ऐसे में वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो होना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. लेकिन कोर्ट ने इन तमाम दलीलों को मानने से इनकार कर दिया है.

जस्टिस PV Kunhikrishnan ने जोर देकर कहा कि पीएम सभी के होते हैं. वे हम सभी की वजह से सत्ता में आए हैं. अगर आपकी राजनीतिक सोच इससे मेल नहीं खाती है तो आप इसे चुनौती नहीं दे सकते हैं. जब 100 करोड़ लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है? सभी के अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन फिर भी वे हम सभी के प्रधानमंत्री हैं. आप ऐसी याचिका दायर कर अदालत का समय बर्बाद करते हैं.

    follow google newsfollow whatsapp